अजमेर के होलीदड़ा क्षेत्र के गेस्ट हाउस में हुई हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया। मृतक के साले ने ही एक नाबालिग के साथ मिलकर वारदात अंजाम दिया। उसके बाद फरार हो गए थे। पुलिस ने आस पास के क्षेत्र के CCTV फुटेज व मृतक के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगालने के बाद संदिग्ध युवकों की तलाश शुरू की। दोनों को उत्तराखंड से पकड़ा। एक युवक को गिरफ्तार किया, नाबालिग को निरुद्ध किया है। आरोपी साला बहन को तलाक देने की बात कहने से मृतक जीजा से खफा था। दुपट्टे से गला घोंटकर मार दिया।
यह है मामला और ऐसे हुआ खुलासा
अजमेर SP जगदीश प्रसाद शर्मा ने बताया कि 4 अगस्त की सुबह जैद गेस्ट हाउस के कमरे से दुर्गंध आने की सूचना दरगाह थाना पुलिस को मिली। वहां जाने पर पता चला कि बाहर से ताला लगाया हुआ है। इस पर हालात संदिग्ध मानते हुए एफएसएल की टीम को बुलाया। ताला खोलकर साक्ष्य जुटाए। शव से बदबू आ रही थी। बाद में टीम ने साक्ष्य जुटाए। मृतक का शव जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय पहुंचाया और परिजन को सूचना की। मृतक की पहचान मुरादाबाद UP निवासी मोहम्मद माजिद साबरी (33) के रूप में हुई।
वारदात के बाद साइबर सेल की मदद से दरगाह थाना प्रभारी दलवीरसिंह व पुलिस टीम ने आसपास के CCTV में संदिग्धों को चिह्नित किया। मौके पर मिली एक मोबाइल सिम को खंगाला। जिससे एक ही नंबर से बार बार बात होना पता चला। आरोपी मोबाइल तो ले गए और सिम यहीं छोड़ गए। इस मोबाइल में जैसे ही दूसरी सिम डाली। रुड़की(उत्तराखंड) में लोकेशन आई। टीम वहां पहुंची और मजोक, पश्चिमी बंगाल निवासी नजरूल (19) को पकड़ा और इसके साथ एक बाल अपचारी को निरूद्ध किया, जो दोस्त है। प्रारम्भिक पूछताछ में पता चला कि आरोपी की छोटी बहन का निकाह मृतक के साथ हुआ था। मृतक उसे तलाक देना चाहता था, इसलिए आरोपी ने यहां आकर उसकी दुपट्टे से गला घोंटकर हत्या कर दी।
परिजन को सौंपा शव
5 अगस्त की सुबह परिजन के पहुंचने पर जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय के चीरघर में मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया और शव परिजन के सुपुर्द कर दिया। दरगाह थाना प्रभारी दलवीरसिंह ने बताया कि मृतक के भाई मोहम्मद साजिद की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर लिया है। साजिद ने ही पुलिस को बताया कि मृतक फकीरी जिन्दगी जिया करता था। पांच साल से घर नहीं आया। केवल फोन पर ही बातें करता था। मृतक की पत्नी और 8 व 6 साल के दो पुत्र है। गले में दुपट्टा मिलने से माना जा रहा है कि उसका गला घोंट कर मारा गया। मृतक युवक सूफी संतों की दरगाह में घूमता था। वहीं, वह रुड़की के क्लीयर शरीफ से ट्रेन के यात्रा कर 28 को अजमेर पहुंचा था।
दो युवक संदिग्ध मानकर तलाश शुरू की
पुलिस पड़ताल में पता चला कि मृतक जिस होटल में रूका हुआ था, वहां पर दो संदिग्ध युवक आए थे। तीनों ने वहां पांच घंटे बिताए। इस दौरान तीनों ने यहां पर दो बार चाय भी पी। तीनों की आपस में बातचीत होती थी। अंतिम बार भी बात हुई। CCTV और मोबाइल कॉल डिटेल खंगालने के बाद संदिग्धों पर शक हुआ। उनकी तलाश में दल भेजे गए। पुलिस टीम को दोनों को पकड़ने में सफलता मिल गई।
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