इस्लाम के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिवस की मौके पर मनाए जाने वाले जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी पर शानो शौकत के साथ जुलूस निकाला जाएगा। ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित अकबरी मस्जिद में सूफी इंटरनेशनल के तत्वाधान में हुई बैठक में मुस्लिम प्रतिनिधियों ने निर्णय लिया।
संस्था के अध्यक्ष हाजी सरवर सिद्दीकी, सचिव नवाब हिदायत उल्ला ने बताया कि परंपरा के अनुसार दरगाह की अकबरी मस्जिद में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें सभी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के मौके पर परंपरा के अनुसार जुलूस निकाला जाएगा। इसके लिए शीघ्र ही प्रतिनिधिमडल जिला प्रशासन से मुलाकात कर जुलूस की व्यवस्थाओं के बारे में चर्चा करेगा। सभी ने कहा कि कोरोना काल के 2 वर्ष बाद जुलूस निकलेगा, इसलिए सभी लोगों में इसको लेकर उत्सुकता है। जुलूस में मोहम्मद साहब के द्वारा दिए गए प्रेम , भाईचारे और इंसानियत के पैगाम को प्रदर्शित किया जाएगा।
अक्टूबर माह मे चांद दिखाई देने के बाद 9 या 10 अक्टूबर को जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी मनाया जाएगा। इसके लिए अलग-अलग टीमों का गठन कर सभी को जिम्मेदारियां दी जाएगी। जुलूस अंदर कोट के ढाई दिन के झोपड़े से प्रारंभ होगा, जो कि कमानी गेट, दरगाह बाजार, देहली गेट, सुभाष उद्यान के सामने से होता हुआ ऋषि घाटी बाईपास स्थित चिल्ला कुतुब साहब पर समाप्त होगा। परंपरा के अनुसार यहां सलातो सलाम पेश किया जाएगा। बैठक में अंजुमन सचिव सैयद सरवर चिश्ती, हाजी इफ्तेखार चिश्ती, अस्मत बीबी, अब्दुल नईम खान, काज़ी मुनव्वर अली, राहत हुसैन मोतीवाला, आरिफ हुसैन, शेखजादा जीशान मोहम्मद, सय्यद असलम, गुड्डू हाशमी, पार्षद मौहम्मद शाकिर,आरिफ खान, जाहिद खान, हुमायू खान, अहसान मिर्ज़ा, सैय्यद अल्तमश, सलमान खान , रईस कुरेशी, असलम खंडेला, कलाम चिश्ती, हाजी निसार शेख, शम्मी, बिल्ला भाई, एस एम अकबर आदि मौजूद रहे।
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