राजस्थान पटवार संघ की ओर से सोमवार को राजस्व मंडल के बाहर अपनी 7 सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया गया। पटवारियों का आरोप है कि सरकार से समझौता होने के बावजूद भी सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई। जिसके कारण पटवारियों के साथ ही समस्त राजस्व कार्मिकों में भय, अविश्वास एंव असंतोष व्याप्त है। सभी ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे जल्द पूरी नहीं हुई तो सभी कार्मिकों द्वारा आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।
सोमवार को राजस्थान पटवार संघ के बैनर तले पटवारियों द्वारा अपनी 7 सूत्री मांगों को लेकर राजस्व मंडल के बाहर धरना दिया गया। मीडिया से बातचीत में पटवारियों ने बताया कि राजस्व पटवार संघ द्वारा अपनी समस्याओं और मांगों के संबंध में वर्ष 2021 में सघर्ष किया। जिसके परिणाम स्वरूप 3 जुलाई 2021 एवं 4 अक्टूबर 2021 को राज्य सरकार से समझौता हुआ। इन समझौते की पालना के लिए समय-समय पर सरकार निवेदन किया गया। लेकिन फिर भी अभी तक अपेक्षित सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है और आए दिन अल्प वेतनभोगी कार्मिकों पटवारियों के स्थानांतरण दूरदराज के जिलों में किए जा रहे हैं।
जिसके संबंध में संगठन द्वारा समय-समय पर स्थानांतरित नहीं करने के संबंध में सरकार को निवेदन भी कर चुका है। उन्होंने बताया कि संगठन के पदाधिकारियों एवं पटवारियों को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से और संगठन को कमजोर करने की नियत से दूरदराज के जिलों में स्थानांतरित आए दिन का काम हो गया है। जिससे सभी पटवारियों और राजस्व कार्मिकों में आक्रोश है। इसे लेकर सोमवार को राजस्व मंडल के बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया गया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है और उन से जल्द 7 सूत्री मांगे पूरी करने की मांग रखी गई है। पटवारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुई तो सभी पटवारियों द्वारा आमरण अनशन किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
यह है 7 सूत्री मांगे
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