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सहकारिता विभाग के खरीद केंद्र पर सन्नाटा:ठप हुई चना व सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद; बाजार में भाव ज्यादा, इसलिए किसान नहीं दिखा रहे रुचि

अजमेर2 वर्ष पहले
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सहकारिता विभाग ने राजफैड के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में सरसों एवं चने की समर्थन मूल्य पर खरीद 1 अप्रैल से शुरू की, लेकिन अब ये खरीद ठप हो गई है। इसका कारण सरकार की ओर से तय किए गए समर्थन मूल्य से बाजार में भाव ज्यादा हैं। ऐसे में किसान अपनी उपज को सरकारी केन्द्र के बजाय बाहर बेचने में ही दिलचस्पी दिखा रहे हैं। कृषि मंडियों में बनाए गए खरीद केन्द्रों पर सन्नाटा पसरा है।

सहकारिता विभाग की ओर से प्रदेश मे किसानों से समर्थन मूल्य पर चना की 6 लाख 14 हजार 900 मीट्रिक टन तथा सरसों की 12 लाख 22 हजार 775 मीट्रिक टन की खरीद किया जाना तय किया गया। किसानों की सुविधा के लिए सरसों एवं चने क्रय-विक्रय सहकारी समितियों पर 264-264 केन्द्र तथा ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर 387-387 खरीद केन्द्र खोले गए। यहां पर खरीद एक अप्रैल से शुरू की गई।

शुरू के दिनों में सरकारी खरीद केन्द्रों पर भाव ज्यादा थे तो कुछ खरीद हुई, लेकिन बीते 15 दिन से यह खरीद पूरी तरह ठप पड़ी है। सरकार की ओर से सरसों 4,650 रुपए तथा चना 5,100 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय कर खरीद की जा रही थी, जबकि वर्तमान में बाजार भाव सरसों के 6,400 से 6,600 रुपए तथा चना के 5,300-5,500 रुपए प्रति क्विंटल है।

केकड़ी में सूना पड़ा केन्द्र।
केकड़ी में सूना पड़ा केन्द्र।

अजमेर में भी केन्द्र सूने
सहकारिता विभाग अजमेर के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अजमेर में अजमेर क्रय विक्रय सहकारी समिति (KVSS) , नसीराबाद, किशनगढ़, सरवाड़, केकड़ी, विजय नगर तथा पीसांगन KVSS में सरसों और चना की खरीद शुरू की गई थी। लेकिन अब यहां भी केन्द्रों पर खरीद ठप पड़ी है और बनाए गए केन्द्र पूरी तरह सूने हैं।

किसान के लिए उपज बेचने के लिए ऐसी थी व्यवस्था
इन केन्द्रों पर अपनी उपज बेचने के लिए किसान को ई-मित्र केन्द्र या संबंधित खरीद केन्द्र पर रजिस्ट्रेशन करवाना था। पंजीयन के लिए जन आधार कार्ड, बैंक पासबुक आवश्यक थी, जिन केन्द्रों पर ऑनलाइन गिरदावरी की सुविधा उपलब्ध है, वहां किसान ऑनलाइन गिरदावरी प्राप्त कर सकते हैं।

पटवारियों की हड़ताल के चलते किसानों को गिरदावरी प्राप्त करने में असुविधा न हो इस उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा समर्थन मूल्य पर सरसों व चना खरीद/पंजीयन के लिए कृषि पर्यवेक्षकों को पिछले साल की जारी गिरदावरी रिपोर्ट को इस वर्ष के लिए प्रमाणित करने के लिए अधिकृत कर दिया गया।

एक मोबाइल नम्बर पर एक ही किसान का पंजीयन होना था। किसान की कृषि भूमि जिस तहसील में होगी, उसी तहसील के कार्यक्षेत्र में आने वाले खरीद केन्द्र का चयन करना था। किसान को उसकी पंजीकरण दिनांक के आधार पर सॉफ्टवेयर द्वारा वरीयता के अनुसार तुलाई के लिए दिनांक एवं जिन्स की मात्रा का आवंटन तय था तथा इसकी सूचना किसान के पंजीकृत मोबाइल पर SMS से मिलती।

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