नशीली दवाओं के मामले में शिकायतकर्ता से दो करोड़ की रिश्वत मांग कर परेशान करने के मामले में गिरफ्तार एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को मंगलवार को अजमेर एसीबी कोर्ट में पेश किया गया। जयपुर एसीबी की ओर से 4 दिन का रिमांड मांगा गया था। जज ने 3 दिन का रिमांड दिया। अब जयपुर एसीबी रिमांड के दौरान मित्तल से बर्खास्त कॉन्स्टेबल सहित अन्य बरामदगी को लेकर पूछताछ करेगी।
जयपुर एसीबी दिव्या मित्तल को 3.48 बजे अजमेर एसीबी कोर्ट लेकर पहुंची। कोर्ट में पेशी से पहले एसीबी की की गिरफ्त में दिव्या मित्तल मुस्कराते हुई दिखी। उनके चेहरे पर कोई शिकन नजर नहीं आई। कोर्ट आए अपने भाई से भी बात करती रही।
कोर्ट में जयपुर एसीबी द्वारा न्यायधीश से 4 दिन का रिमांड मांगा गया था। इस दौरान गिरफ्तार दिव्या मित्तल के बचाव पक्ष के वकील प्रीतम सिंह सोनी के द्वारा इसका विरोध कियाया। बाद में जज ने दिव्या मित्तल 20 तारीख तक रिमांड पर लेने के आदेश दिए।
बचाव पक्ष ने किया विरोध
बचाव पक्ष के वकील प्रीतम सिंह सोनी के अनुसार मामले में नशीली दवा प्रकरण में रामगंज में दो और अलवर गेट में एक प्रकरण दर्ज है। सभी मामलों की जांच एसओजी एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल कर रही है। ड्रग माफियाओं ने उन्हें जांच से हटाने के लिए साजिश पूर्वक फंसाया है। रिमांड की कोई जरूरत नहीं है। उनसे मोबाइल और अन्य चीजें बरामद करने का कारण बताते हुए एसीबी ने रिमांड देने की प्रार्थना की है। लेकिन बचाव पक्ष के वकील का कहना है कि इसकी कोई जरूरत नहीं है।
क्या है मामला
2 करोड़ की रिश्वत मांगने के मामले में जयपुर ACB टीम ने अजमेर में 16 जनवरी को SOG की एडिशनल SP दिव्या मित्तल को पकड़ा गया। दिव्या मित्तल को एसीबी की टीम अजमेर से जयपुर लाई थी। इसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया। माना जा रहा है कि SOG के किसी अधिकारी का रिश्वत में इतनी बड़ी रकम मांगने का यह पहला मामला है। इतनी बड़ी अधिकारी को ट्रैप करना भी आसान नहीं था। दिव्या ने मादक पदार्थ तस्करी के मामले में हरिद्वार की फार्मा कंपनी के मालिक काे गिरफ्तार नहीं करने की एवज में बर्खास्त पुलिसकर्मी सुमित कुमार के माध्यम से यह घूस मांगी थी।
रेमडेसिविर की कालाबाजारी में भी चर्चा
अजमेर एसओजी एएसपी दिव्या मित्तल बीकानेर में भी चर्चा में रह चुकी हैं। कोविड के पीक के दौरान रेमडेसिविर की कालाबाजारी के खिलाफ दिव्या ने कार्रवाई की थी। इस मामले में एसओजी ने मित्तल फार्मा और मित्तल ड्रग एजेंसी के विनय कुमार अग्रवाल, प्रदीप अग्रवाल और अनुज अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। दिव्या मित्तल ने तीनों को धोखाधड़ी, साजिश और आवश्यक वस्तु अधिनियम का दोषी मानते हुए जयपुर में मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट संख्या दो के समक्ष चालान पेश किया था।
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2 करोड़ की रिश्वत मांग कर परेशान करने के मामले में जयपुर एसीबी टीम अजमेर में एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल के घर तलाशी कर रही है। मित्तल पर एनडीपीएस (नशे की तस्करी) के मामले में दलाल के जरिए डरा धमका कर रिश्वत मांगने का आरोप है। एसीबी राजस्थान में कुल 5 जगह कार्रवाई कर रही है। कार्रवाई के दौरान भास्कर से बातचीत में दिव्या मित्तल ने कहा- ड्रग माफियाओं को ट्रैक करने का इनाम मिला है। उन्होंने कोई रिश्वत नहीं मांगी है। (पूरी खबर पढ़ने के लिए करें क्लिक)
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नशीली दवा मामले में दो करोड़ रुपए मांगने वाली एसओजी की एएसपी (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक) दिव्या मित्तल ने शिकायतकर्ता को पैसे नहीं देने पर उसे जेल भेजने की धमकी दी। यहां तक कि दो करोड़ रुपए मांगने से पहले शिकायत कर्ता को एस्कोर्ट कर उदयपुर के नेचर हिल रिसोर्ट ले जाया गया और कमरे में ले जाने से पहले उसके जैकेट व जूते तक उतरवा लिए गए और गहन तलाशी ली। इसके बाद उससे दो करोड़ रुपए की डिमांड की गई, नहीं देने पर जेल भेजने के लिए धमकाया गया। कहा- 'मुझे ऊपर तक पैसे देने पड़ते हैं। आप पैसे दोगे तो ठीक रहेगा। वरना जेल जाना पड़ेगा।' (पूरी खबर पढ़ने के लिए करें क्लिक)
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