संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से जारी किए गए रिजल्ट में अजमेर के वैभव रावत ने 25 वीं रैंक पाई है। रिजल्ट जारी होने के बाद ही परिवार में जश्न हो गया। वैभव ने यह सफलता दूसरी बार में प्राप्त की। पहली बार वे प्री, मेन एग्जाम कर इंटरव्यू तक ही पहुंचे।
वैभव ने बताया कि चार साल पहले IIT की परीक्षा पास करते ही तय कर लिया कि IAS बनना है और इसी लक्ष्य काे लेकर कड़ी मेहनत की। असफलता जीवन का एक हिस्सा है और इससे घबराना या निराश नहीं होना चाहिए। कड़ी मेहनत से सफलता एक दिन निश्चित मिलती है। शिक्षा एक ऐसा सेक्टर है, जहां कुछ कर देश में बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने आईएएस की तैयारी के लिए टिप्स भी बताए।
वैभव के पिता नीलू रावत टीटी कॉलेज में रीडर में है और मां सुनीता ब्यावर के सरकारी स्कूल में टीचर है। बड़ा भाई नितिन इंजीनियर है। वैभव की स्कूली शिक्षा ब्यावर के सेन्ट पॉल स्कूल से हुई और कॉलेज शिक्षा बनारस आईआईटी से की है। 26 साल के वैभव पढ़ाई को लेकर शुरू से ही गम्भीर रहे। वैभव ने बताया कि वर्ष 2011 में दसवीं और 2013 में 12वीं पास की। इसके बाद आईआईटी बनारस से कम्प्यूटर साइंस से पास की।
वैभव ने बताया कि इस दौरान एक साल सेमसंग कंपनी में नौकरी भी की और इस दौरान ही आईएएस बनना तय कर लिया। इसी के अनुरूप मेहनत की। साल 2019 में आईएएस की परीक्षा में प्री, मेन एग्जाम पास किए और इंटरव्यू तक पहुंचा लेकिन चयन नहीं हो पाया। फिर भी निराश नहीं हुआ। अपनी तैयारी में रही कमियों को पूरा किया। इसके बाद नियमित अपनी पढ़ाई जारी रखी। 2020 के रिजल्ट में सफलता मिली। वैभव ने बताया कि आईएएस बनकर जन सेवा करना ही मुख्य ध्येय है। वे चाहेंगे कि उनके कार्य से आमजन को फायदा मिले। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में कुछ नया करने का लक्ष्य है।
परिवार में खुशी का माहौल
आईएएस में चयन की सूचना के बाद ही घर में खुशी का जश्न है। अजमेर के जयपुर रोड स्थित एआरजी सिटी स्थित आवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। पिता नीलू रावत व माता सुनीता रावत ने बताया कि बेटे वैभव की सफलता से वे बहुत खुश है।
वैभव ने ये बताए युवाओं के लिए टिप्स...
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