अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन हॉस्पिटल में रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर ओपीडी कार्य बहिष्कार पर है। रेजिडेंट डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार से ओपीडी में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ओपीडी में मरीजों की लंबी कतारें लगी हुई है। रेजिडेंट डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार को देखते हुए सीनियर डॉक्टर्स को ओपीडी में लगाया गया है। लेकिन उसके बावजूद भी अस्पताल के ओपीडी में लंबी कतारें होने से मरीज परेशान हो रहे है ।
प्रदेश के साथ ही अजमेर में भी रेजिडेंट डॉक्टर्स नीट पीजी काउंसलिंग करवाने की मांग को लेकर विरोध कर रहे हैं। रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के चलते neet-pg की काउंसलिंग नहीं की जा रही है। जिससे अस्पतालों में डॉक्टर की कमी है और वर्तमान में काम कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर को कोरोना जैसी बीमारियों के सामने मानव संसाधन की कमी को झेलना पड़ रहा है। रेजिडेंट डॉक्टर्स 3 दिन से ओपीडी कार्य बहिष्कार पर चल रहे हैं। डॉक्टर ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो जल्द सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार पर उतरेंगे। जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। वहीं, रेजिडेंट डॉक्टर अध्यक्ष अभिषेक मेहता का कहना है कि 550 रेजिडेंट डॉक्टर्स की सीटें हैं। वर्तमान में 300 रेजिडेंट डॉक्टर्स मौजूद है। लेकिन काउंसलिंग नहीं होने के चलते 250 सीटों पर भर्ती नहीं हो पा रही है। जिसे लेकर रेजिडेंट डॉक्टर्स आंदोलन पर है।
ओपीडी में लगी मरीजों की कतारें
अजमेर संभाग के जेएलएन अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स के ओपीडी कार्य बहिष्कार के चलते मरीजों की लंबी कतार लगी हुई है। जिससे कई मरीजों को परेशानी का सामना झेलना पड़ रहा है।
सीनियर डॉक्टर्स ने संभाली व्यवस्था
जेएलएन अस्पताल अधीक्षक डॉ अनिल जैन ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर्स काउंसलिंग करवाने की मांग को लेकर ओपीडी कार्य बहिष्कार पर है। ओपीडी में मरीजों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसे लेकर ओपीडी में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स के साथ ही अन्य डॉक्टरों को लगाया गया है।
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