अजमेर में सोमवार को सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति व सूचना केन्द्र बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर कलेक्ट्रेट के बाहर 14 अक्टूबर तक धरना दिया है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने 5 सूत्री मांगों के साथ ही स्मार्ट सिटी परियोजना द्वारा सूचना केंद्र में कराए जा रहे अनाधिकृत कार्य एवं ध्वस्त किए गए उपयोगी भवनों की जांच कराने को लेकर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है और जल्द अपनी मांगे पूरी करने की मांग रखी है।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने बताया कि सोमवार को कलक्ट्रेट के बाहर 14 अक्टूबर तक धरना दिया गया है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम दो ज्ञापन दिए गए हैं। पहले ज्ञापन के जरिए कर्मचारियों को आरजीएचएस मेडिकल डायरी उपलब्ध करवाने, राज्य कर्मचारियों की भांति सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए आरजीएचएस के तहत आउटडोर में उपचार के लिए अनलिमिट राशि व्यय करने की सुविधा देने और आरजीएचएस लागू होने के बाद बंद किए गए फूड सप्लीमेंट को पुणे शुरू कराने के साथ ही 5 सूत्री मांगों का ज्ञापन जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम सौंपा है।
जांच करवाने की मांग
सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने सूचना केंद्र बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले भी एक ज्ञापन जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम देते हुए बताया की स्मार्ट सिटी परियोजना द्वारा आर्ट गैलरी के ऊपर इंक्यूवेशन सेंटर के निर्माण का विरोध करते हुए विभाग ने यहां केवल आर्ट गैलरी का पुन लनिर्माण की सहमति प्रदान की थी। यहां पर इंक्यूवेशन सेंटर जो कि अन्य विभाग है। इसका संचालन किया जाना न्याय संगत नहीं है। इसके साथ ही पीआरओ आवास को ध्वस्त कर इसके अधिकांश जमीन को मुख्य मार्ग स्थित अग्रसेन सर्किल की साइड लावारिस छोड़ देने से विभागीय संपत्ति को हानि हुई है। वहीं यहां पर अतिक्रमण कर लिया है। इसके अलावा सभागार के पीछे कार्यालय का मुख्य स्टोर भवन को भी ध्वस्त कर इसके स्थान पर एक अनाधिकृत पार्किंग स्थल बना दिया गया है। जिसकी कार्यालय में कोई उपयोगिता नहीं है। इसको हटा कर यहां मीडिया कर्मियों के लिए मीटिंग हॉल बनाने के साथ ही अन्य मांगे रखी गई है।
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