पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
एडीए की याेजनाओँ में महंगे प्लाट खरीदने में असमर्थ आमजन कृषि भूमि पर अवैध रूप से काटे गए प्लाट लेने काे विवश हैं और भू माफिया इस विवशता का सालों से जमकर फायदा उठा रहे हैं। कृषि भूमि पर प्लाट काटकर बेचने के इस गोरखधंधे में सबसे बड़ा खेल खसरा नंबरों से होता है। विक्रय पत्र में खसरा नंबर कुछ लिखा जाता है और जमीन का कब्जा सरकारी खसरों की जमीन का दे दिया जाता है। जब तक इसका खुलासा होता है, तब तक आमजन अपनी गाढ़ी कमाई लुटा चुका होता है। शहर में भू उपयाेग परिवर्तन कराए बगैर बड़ी संख्या में अवैध काॅलाेनियां बनती जा रही हैं। इससे सरकार काे कराेड़ाें रुपए के राजस्व की हानि हाे रही है, वहीं आम आदमी पर अपनी गाढ़ी कमाई से खरीदे गए ऐसे अवैध प्लाट काे खाे देने का खतरा लगातार बना रहता है। राजस्थान काश्तकारी अधिनियम और अजमेर विकास प्राधिकरण अधिनियम में इस तरह कृषि भूमि पर प्लाटिंग अवैध है।
बाडी नदी अतिक्रमण मामले में सामने आए ऐसे विवाद
फॉयसागर से आनासागर को जोड़ने वाली बाडी नदी की जमीन पर बड़ी संख्या में अतिक्रमण हो गए हैं। इन अतिक्रमण को एडीए ने चिह्नित किया और कार्रवाई शुरू कर दी। 68 अतिक्रमियों को नाेटिस देकर जवाब तलब किया गया है। एडीए ने बाडी नदी की एडीए स्वामित्व की बोराज-हाथीखेड़ा के खसरा नंबर 2, 3, 1178 और 1179 पर अतिक्रमण का आरोप लगाया है। इसके जवाब में अतिक्रमणकारियों की ओर से जो जवाब दिए गए हैं, उसमें बताया गया है कि उनकी जमीन का खसरा नंबर अलग है और वे बाडी नदी की जमीन पर काबिज नहीं है। राजस्व विभाग और एडीए की संयुक्त टीम ने मौका निरीक्षण के बाद रिपोर्ट तैयार की है जिसमें खसरा नंबर गलत होने की गुजांइश नहीं है। ऐसे में साफ है कि मौके पर जमीन तो बाडी नदी की है लेकिन विक्रय पत्र में खसरा नंबर दूसरे लिखकर बेचान कर दी गई। अब ऐसे लोगों ने जो मकान बनाए हैं उन पर संकट खड़ा हो गया है।
सस्ते प्लाट के चलते खिंचते है आमजन
एडीए की आवासीय याेजनाओँ ओर काॅलाेनाइजर द्वारा ले आउट पास करवाकर व विकास शुल्क जमाकर करवाकर नियमानुसार बनाई गई काॅलाेनियाें में प्लाटाें की कीमत ज्यादा हाेती है। वहीं कृषि भूमि पर बिना भू उपयोग परिवर्तन व विकास शुल्क के मनमाने तरीके से कॉलाेनी काटने पर आधी कीमत पर ही प्लाट मिल जाते हैं। इन सस्ते प्लाट के चक्कर में आमजन ऐसे प्लाट खरीद लेते हैं।
कृषि भूमि पर प्लाट काटना गैरकानूनी
राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 177 : तहसीलदार की अर्जी पर ऐसे काश्तकार काे जमीन से बेदखल किया जा सकता है जाे जमीन का कृषि कार्य से अलग हटकर दूसरा उपयाेग करता है। काश्तकार ने जमीन किसी काे बेच दी या किसी भी तरह ट्रांसफर कर दी है, उसके विरुद्ध भी कार्रवाई की जा सकती है।
पॉजिटिव- आज ऊर्जा तथा आत्मविश्वास से भरपूर दिन व्यतीत होगा। आप किसी मुश्किल काम को अपने परिश्रम द्वारा हल करने में सक्षम रहेंगे। अगर गाड़ी वगैरह खरीदने का विचार है, तो इस कार्य के लिए प्रबल योग बने हुए...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.