राजस्थान लाेक सेवा आयाेग द्वारा आयाेजित की गई आरएएस संयुक्त प्रतियाेगी परीक्षा-2018 में राज्य में तीसरे स्थान हासिल करने वाली शिवाक्षी खांडल ने कहा कि वे अजमेर के गर्ल्स इंजीनियरिंग काॅलेज से पासआउट है, इस सफलता में काॅलेज ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
काॅलेज में प्राचार्य और शिक्षक समय-समय पर तकनीकी वर्कशाॅप ऑर्गेनाइज्ड करवाने की कमान साैंपते थे, इससे व्यक्तित्व विकास हाेने के साथ लीडरशिप क्वालिटी बिल्ड हुई। इसीलिए हर सवाल का पूरे आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया।
इलेक्ट्राेनिक्स विभाग की टाॅपर हैं शिवाक्षी : शिवाक्षी इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच की टाॅपर है। उन्हाेंने काॅलेज से पासआउट हाेने के बाद से ही सरकारी सेवा में अफसर बनने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया था। शिवाक्षी के पिता मनाेज कुमार शर्मा मेडिकल डिपार्टमेंट में एएओ पद पर थे। विगत अप्रैल में काेराेना से उनकी मृत्यु हाे गई। शिवाक्षी इकलाैती बेटी हैं, उनका छाेटा भाई बीबीए में अध्ययनरत है। जबकि माता मीनू शर्मा हाउस वाइफ हैं।
लाइफ में संगीत जरूरी है : शिवाक्षी बाॅस्केट बाॅल प्लेयर हैं और काॅलेज की बाॅस्केटबाॅल टीम में अपनी प्रतिभा का हुनर दिखा चुकी हैं। जयपुर के सेंट्रल एकेडमी स्कूल से पासआउट शिवाक्षी ने बताया कि उन्हें सिंगिंग का भी शाैक है।
स्टडी के बाद खुद काे आगले दिन के लिए तैयार करने के लिए सिंगिंग करतीं हैं। शिवाक्षी गर्ल्स इंजीनियरिंग काॅलेज की पहली ऐसी छात्रा हैं जिसने आरएएस में तीसरी रैंक हासिल की है। इससे पहले वर्ष 2016 में इसी काॅलेज से रूबी अंसार चाैथा रैंक हासिल कर चुकी हैं।
राेजाना अखबार पढ़कर खुद काे रखती हैं अपडेट
शिवाक्षी ने कहा कि वे प्रतिदिन अखबार बढ़कर खुद काे अपडेट रखती हैं और यह आदत आरएएस के साक्षात्कार में सफलता के लिए बहुत कारगर साबित हुई। इसके अलावा हर राेज का लक्ष्य निर्धारित था, यानि क्या-क्या काम करने हैं।
जैसे विषय के काैन-काैनसे टाॅपिक समझने हैं और कितने घंटे स्टडी करनी है। शिवाक्षी ने बताया कि वे 2017 में गेट क्वालिफाई कर चुकी हैं, लेकिन रैंक से संतुष्ट नहीं थीं, इसलिए आरएएस की तैयारी में जुट गईं। आरएएस सहित अन्य प्रतियाेगी परीक्षाओं की तैयारियाें में जुटे युवाओं काे संदेश देते हुए शिवाक्षी ने कहा कि लक्ष्य पर फाेकस्ड रहें, फिर चाहे कैसी भी बाधा क्याें न आ जाए आप कभी दिशाभ्रमित नहीं हाेंगे।
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