अजमेर नगर निगम के वार्ड 4 के पार्षद ज्ञानचंद सारस्वत सोमवार को कलेक्ट्रेट पर पहुंचे। कलेक्टर को ज्ञापन देकर लावारिस गायों के लिए उचित इलाज की व्यवस्था करने और अस्थाई परिसर की मांग की है। जिससे कि सभी का समय रहते इलाज कराया जा सके। वहीं, पार्षद ने चेतावनी दी है कि यदि इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं किया जाता है। स्थाई समाधान नहीं होता है, तो फिर पशुपालन विभाग के अधिकारियों के घर पर घायल गायों को ले जाया जाएगा। अगर इसे लेकर किसी तरह की कानूनी कार्रवाई की जाती है, तो वह पीछे नहीं हटेंगे।
वार्ड 4 के पार्षद ज्ञानचंद सारस्वत ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने के बाद मीडिया से बातचीत में बताया कि लंपि स्किन डिजीज के दौरान अजमेर में इलाज के अभाव के कारण हजारों गायों ने दम तोड़ दिया। ऐसे में आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था भी की गई। लेकिन यह वार्ड कुछ समय के लिए ही खोला गया और अब उसे बंद कर दिया गया है। ऐसे में इसके बावजूद भी कई गाय घायल अवस्था और एक्सीडेंट होने के कारण सड़कों पर पड़ी रहती हैं। जिनका इलाज गो प्रेमियों द्वारा किया जाता है। लेकिन सरकार व प्रशासन की ओर से इसे लेकर कोई स्थाई व्यवस्था नहीं की गई है।
सोमवार को जिला कलेक्टर अंशदीप को ज्ञापन सौंपकर उचित समाधान की मांग की गई है और चेतावनी दी गई है कि यदि इस पर ठोस निर्णय नहीं किया जाता है, तो पशुपालन विभाग के अधिकारियों के घर पर घायल गायों को लेजाया जाएगा और अगर इसे लेकर किसी तरह की कानूनी कार्रवाई की जाती है, तो वह पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि गौमाता हिंदू संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखती है और इसके बावजूद भी कई स्थानों पर उसकी दुर्दशा देखने को मिलती है, जो कि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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