अजमेर के आदर्शनगर थाना पुलिस दल ने लोगों से झांसेबाजी कर करीब 50 लाख रुपए हड़पने वाले शातिर को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी खुद को कंस्ट्रक्शन कंपनी का संचालक बताकर लोगों से रुपए ऐंठता था। तफ्तीश में आरोपी ने 31 वारदातें करना कबूल की है। आरोपी अजमेर जिले के ढसूक का रहने वाला है और लंबे समय से पुलिस को गच्चा देकर जयपुर में फरारी काट रहा था।
थाना प्रभारी सुगनसिंह ने बताया कि 6 जुलाई को शालीमार कॉलोनी निवासी ज्वैलर्स देवदत्त शर्मा पुत्र सुआलाल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 9 मई को एक युवक दुकान पर आया था। उसने खुद को शालीमार कॉलोनी निवासी कांकाणी का पुत्र आदित्य उर्फ आदि बताया। उसने खुद को कंस्ट्रक्शन कंपनी का मालिक भी बताया। उसने विश्वास में लेकर दो सोने की चेन ली और कहा कि वह परिजनों को दोनों चेन में से एक पसंद करवा कर शाम को वापस भिजवा दूंगा। परिचित कांकाणी के कारण उसने विश्वास कर सोने की दो चेन दे दी। वह शाम तक वापस नही आया तो उसने फोन कॉल किया। उसे पता चला कि वह परिचित कांकाणी का पुत्र नहीं है और फ्रॉड है।
जयपुर में लग्जरी फ्लेट में रह रहा था, जहां से किया गिरफ्तार
थाना प्रभारी सुगन सिंह ने बताया कि पुलिस टीम ने आरोपी की कॉल डिटेल को खंगाल कर उसकी लोकेशन ट्रेस की पुलिस टीम ने आरोपी आदित्य मेहता उर्फ आदि को जयपुर में लग्जरी फ्लेट पर दबिश देकर पकड़ा। अभियुक्त आदित्य मेहता उर्फ आदि पुत्र विमल मेहता ढसूक पुलिस थाना अराई का मूल निवासी है। लेकिन उसके कई पते पुलिस को मिले। इसमें मकान नंबर 135 मित्र निवास वाली गली, मझेला रोड, किशनगढ़, पुलिस थाना मदनगंज अजमेर हाल किरायेदार भीमाराम जी मीणा का फ्लैट संख्या 26 ग्राउंड फ्लोर, बी ब्लॉक, वसुंधरा कटुम्ब, बीलवा, तहसील सांगानेर, पुलिस थाना शिवदासपुरा शामिल है।
क्रेन मालिकों को भी बनाया ठगी का शिकार
आरोपी आदित्य कई क्रेन संचालकों को भी अपना शिकार बना चुका है। वह क्रेन संचालक को खुद की कार का एक्सीडेंट होने की बात कहकर लोकेशन भेजता और थोड़ी देर बाद फोन करके उनसे रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करने का निवेदन करता और झांसा देता था कि कार के पास पहुंचने पर किराया व दिए गए रुपए का भुगतान कर देगा। आदित्य की बातों में आकर क्रेन संचालक उसे ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर कर देते थे, लेकिन जब क्रेन वाले दुर्घटना स्थल पर पहुंचते तो ना आदित्य मिलता और ना ही कोई कार मिलती। बाद में आदित्य मोबाइल स्विच ऑफ कर लेता था। ज्वैलर, व्यापारी, कंस्ट्रक्शन कारोबारी, मोबाइल दुकानदारों, दोस्तों, रिश्तेदारों को भी आरोपी झांसा देकर ठगी का शिकार बना चुका है। आदित्य मेहता ज्वैलरी व्यापारी से घर दिखाने का बहाना बनाकर ज्वैलरी ले जाता था, विश्वास जमाने के लिये अपने फोन नम्बर व आधार कार्ड की कॉपी दे देता व किसी बड़े नामचीन व्यक्ति का रिश्तेदार बताकर दुकानदारों के साथ ठगी करता था। उसने ज्यादातर लोगों से रुपए लौटाने के लिए खाली चेक दिए थे। कई चैक बाउंस हो चुके हैं। चेक बाउंस के मामले किशनगढ़, अजमेर, नसीराबाद केकड़ी में अदालत में विचाराधीन हैं।
अब तक की पूछताछ में ये वारदातें कबूली....
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