अजमेर सेंट्रल जेल में बंदियों के बीच मारपीट का मामला सामने आया है। बंदी विक्रम सिंह के परिजनों ने जेल कर्मियों को सुविधा शुल्क नहीं देने पर मारपीट का आरोप लगाया। वहीं दूसरी तरफ बंदी अशोक बालकृष्ण ने बंदी विक्रम पर मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज करवाया है। दोनों ही मामलों में पुलिस की ओर से जांच की जा रही है।
जेल पहुंचकर परिवार ने लगाया आरोप
सेंट्रल जेल में हत्या के मामले में बंद विक्रम सिंह का परिवार सोमवार देर रात सेंट्रल जेल पहुंचा और विक्रम से मिलने के लिए गुहार लगाई। बंदी विक्रम के परिवार वालों ने आरोप लगाया कि रविवार सुबह जेल कर्मियों ने एक राय होकर विक्रम को बेरहमी से लात-घूंसों, डंडों और प्लास्टिक के पाइप से पीटा। मारपीट से उसके हाथ-पैर में फ्रैक्चर और गंभीर चोट आई। बाद में उसे जेल की अंधेरी कोठरी में बंद कर दिया गया।
परिवार का आरोप है कि जब वह विक्रम से मिलने सेंट्रल जेल पहुंचे तो उन्हें मुलाकात नहीं करने दी गई। जेल प्रशासन ने उसका इलाज भी नहीं कराया है। परिवार वालों ने मामले में कार्रवाई की मांग की है। भाई देवेंद्र सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि जेल कर्मी कथित तौर पर चौथ वसूली के लिए मारपीट करते हैं। 1 महीने पहले भी शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बंदी अशोक ने करवाई एफआईआर
सेंट्रल जेल में बंद निरुद्ध बंदी अशोक बालकृष्ण ने हत्या के मामले में बंद विक्रम सिंह के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है, जिसमें बताया कि नाश्ता वितरण के समय विक्रम आया और कहने लगा कि नाश्ता सही नहीं है। तो उसने कहा कि आपकी जो समस्या है, उसे अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। लेकिन विक्रम ने उसके साथ गाली-गलौज कर मारपीट करने लगा और कहा कि प्रशासन की औकात क्या है। मेरी राजनेताओं, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के बड़े-बड़े वकीलों से पहचान है। मैं चाहूं जिसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा सकता हूं। जेल प्रशासन को तो जब चाहूं तब फंसा सकता हूं। मामले में सिविल लाइन थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.