अजमेर जिले के ब्यावर में स्थित राजकीय अमृतकौर हॉस्पिटल की मदर एंड चाइल्ड विंग की नर्सरी में सोमवार रात बड़ा हादसा हो गया। हादसे में नर्सरी में वार्मर की हिट बढ़ने से दो नवजात की मौत हो गई। इनमें एक बच्चा 5 दिन का था, जबकि एक बच्ची 12 दिन की थी। हादसे के बाद हॉस्पिटल प्रशासन में हड़कंप मच गया। सूचना पर उपखंड अधिकारी राहुल जैन, सीएमएचओ के.के सोनी और प्रशिक्षु आईपीएस सुमित मेहरड़ा जाप्ते के साथ अस्पताल पहुंच गए। फिलहाल हादसे की वजह तकनीकी फॉल्ट बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार ब्यावर के राजकीय अमृत कौर हॉस्पिटल की नर्सरी के एक वार्मर में सोमवार रात 8 बजे अचानक हीट बढ़ गई। इससे वार्मर पर भर्ती दो नवजात शिशु की हालत बिगड़ गई। मौके पर तैनात स्टाफ को पता चलते ही तुरंत हॉस्पिटल प्रशासन को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही पीएमओ डॉ एसएस चौहान, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पीएम बोहरा, डॉक्टर एमएस चंदावत व डॉ अशोक जांगिड़ मौके पर पहुंचे। शिशु रोग विशेषज्ञों ने दोनों नवजात की जांच कर उन्हें उपचार देने का प्रयास किया। लेकिन दोनों को बचाया नहीं जा सका। डॉक्टर्स ने नर्सरी में भर्ती अन्य शिशु की भी जांच की जिनका स्वास्थ्य सामान्य मिला। वहीं हादसे के बाद हॉस्पिटल में एहतियात बरतते हुए पुलिस जाप्ता तैनात कर दिया गया। फिलहाल दोनों नवजात के शव को मोर्चरी में रखवाया गया है।
मां ने हादसे से पहले पिलाया था दूध
जानकारी के अनुसार घटना से कुछ देर पहले ही बच्चों की मां ने दोनों को दूध पिलाया था। हादसे की सूचना मिलने के बाद एक बच्चे की मां बेसुध हो गई। जबकि दूसरे की मां का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। वही एसएनसीयू में भर्ती अन्य बच्चों के परिजन भी चिंतित हो गए। बताया जा रहा है कि इसी रिंग में 1 साल पहले भी आग लगी थी। हालांकि तब कोई जनहानि नहीं हुई थी।
इन्होंने खोए नवजात
हादसे के समय नर्सरी में 20 नवजात उपचार थे। इनमें बक्ता का बाड़िया सुरड़िया निवासी पूजा पत्नी ओमप्रकाश की नवजात पुत्र की मृत्यु हो गई। पूजा ने 7 अप्रैल को बेटी को जन्म दिया था। तभी से वह नर्सरी में भर्ती थी। इसी प्रकार रामपुरा खरवा निवासी माया पत्नी सुरेंद्र सिंह ने 14 अप्रैल को बेटे को जन्म दिया था। उसकी यह पहली डिलीवरी थी। दोनों नवजात एक ही वार्मर पर भर्ती थे। दोनों प्रसूताएं कुछ समय पहले ही अपने-अपने शिशु को दूध पिला कर गई थी। इसके बाद हादसा हो गया।
डेढ़ साल में दूसरा हादसा
एकेएच की गायनिक विंग की इसी एनआईसीयू में गत वर्ष भी आगजनी की घटना सामने आई थी। 13 मार्च 2021 को हुई आगजनी में 16 नवजात बच्चों को तो बचा लिया गया लेकिन नर्सरी पूरी तरह खत्म हो गई। वहीं इस घटना के अगले ही दिन 14 मार्च 2021 को भी लेबर रूम में ऑक्सीजन लाइन का वॉल्व खुला मिला था। एकेएच की गायनिक विंग में लाइनों में आए दिन फॉल्ट के मामले सामने आते रहते हैं। पीडियाट्रिक वार्ड में पंखों में शॉर्ट सर्किट के मामले भी सामने आ चुके हैं।
दूसरे बच्चों के परिजनों में अफरा-तफरी
जैसे ही इस घटना की जानकारी अस्पताल में फैली गायनिक और पोस्ट गायनिक वार्ड में पहुंची। सभी नवजात बच्चों के परिजनों में अफरा तफरी मच गई। सभी अपने अपने बच्चों की कुशलक्षेम जानने के लिए वार्ड के बाहर जमा हो गए। लेकिन उन्हें वार्ड में प्रवेश नहीं दिया गया जिससे परिजनों में रोष फैल गया। परिजनों के विरोध के बाद एक एक कर सभी को उनके बच्चों से मिलवाया गया।
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