वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2018 में चयनित होने और नौकरी ज्वॉइन करने के बाद रिजाइन करने वाले अभ्यर्थियों से रिक्त हुए पदों को प्रतीक्षा सूची (वेटिंग लिस्ट) के अभ्यर्थियों से भरे जाने की मांग की जा रही है। प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार से इस दिशा में जल्द से जल्द कार्यवाही की मांग की है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2018 व स्कूल व्याख्याता भर्ती 2018 एक साथ में निकाली गई थी। ये दोनों ही भर्तियां राजस्थान लोक सेवा आयोग के माध्यम से कराई गईं। आयोग द्वारा इन दोनों भर्ती प्रक्रिया पूरी कर लेने के बाद राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ अध्यापक के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को पहले नियुक्ति दी गई। सफल अभ्यर्थियों ने अपने पदों पर ज्वाइन भी कर लिया। यह प्रक्रिया पूरी होने के कुछ समय बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल व्याख्याता के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी।
इसका नतीजा यह निकला कि वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में चयनित कई अभ्यर्थियों ने त्यागपत्र देकर स्कूल व्याख्याता के पदों पर नियुक्ति ले ली। ऐसे में वरिष्ठ अध्यापक के हजारों पद पुन: खाली हो गए। इस सम्बन्ध में बेराेजगार संघर्ष समिति के सदस्यों द्वारा पहले भी राज्य सरकार से आग्रह किया गया था कि स्कूल व्याख्याता चयनित अभ्यार्थियों को पहले नियुक्ति दी जाए, जिससे भर्ती प्रक्रिया में कोई विसंगति पैदा न हो, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इस नियम को राजस्थान में भी किया जाए लागू
अभ्यर्थियों का कहना है कि मध्यप्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, दिल्ली आदि राज्यों में नियम है कि यदि किसी भर्ती में नियुक्ति के 1 वर्ष की अवधि में अभ्यर्थी नौकरी से त्यागपत्र दे देता है, तो रिक्त हुए पद को प्रतीक्षा सूची से भरा जाता है। अभ्यर्थियों ने कहा कि अन्य प्रदेशों में लागू इस नियम को राजस्थान में भी लागू किया जाए और जल्द से जल्द प्रतीक्षा सूची जारी कराई जाए। प्रतीक्षा सूची जारी होने से प्रदेश के बहुत से बेरोजगारों को नौकरी मिल सकती है।
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