विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेले में विदेशी युवतियों ने पानी से भरा मटका सिर पर रखकर दौड़ लगाई तो हर कोई हैरत में पड़ गया। मटका दौड़ में विदेशी युवतियां भारतीय पर भारी पड़ी। ऑस्ट्रेलिया की तनयीला को पहला स्थान मिला। साथ ही म्यूजिकल चेयर कॉम्पिटीशन में अजमेर की रहने वाली सुशीला चौधरी पहले स्थान पर रहीं। मटका दौड़ और म्यूजिकल चेयर कॉम्पिटीशन के साथ ही रविवार को मेला ग्राउंड पर सांस्कृतिक प्रोग्राम भी हुए।
एक घंटे देरी से शुरू हुई मटका दौड़
मटका दौड़ सुबह 10.30 बजे शुरू होनी थी, लेकिन एक घंटे देरी से शुरुआत हुई। दौड़ में ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, न्यूयॉर्क, नेपाल और इंडियन समेत 20 महिलाओं ने पार्टिसिपेट किया। दौड़ से पहले सभी विदेशी महिलाओं को बताया गया कि मटका सिर पर रखना है। साथ ही मटके में पानी भरा जाएगा। इसके बाद सभी मटकों को आधा पानी से भर दिया गया। कुछ देर बाद सभी को एक साथ खड़ा किया।
सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया की तनयीला फिनिश लाइन तक पहुंचीं। फिर अजमेर की रेखा और पुष्कर की तेजस्विनी गौतम पहुंच पाई। विजेताओं को मेला मजिस्ट्रेट सुखराम पिंडेल ने मोमेंटो और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया।
तनयीला ने कहा- उन्हें मटका दौड़ में पार्टिसिपेट कर काफी अच्छा लगा। उन्होंने पहला स्थान प्राप्त किया है। खुद पर गर्व हो रहा है। उन्होंने राजस्थानी कल्चर की भी तारीफ की।
म्यूजिकल चेयर में इंडियन महिलाएं भारी पड़ीं
मटका दौड़ के बाद ग्राउंड में 12 बजे म्यूजिकल चेयर कॉम्पिटीशन हुआ। इसमें 28 महिलाओं ने भाग लिया। इसमें पांच विदेशी महिलाएं थीं। 10 मिनट तक ग्राउंड में चली प्रतियोगिता में राजस्थानी गानों पर विदेशी और इंडियंस महिलाओं ने भाग लिया।
आखिर में प्रतियोगिता में अजमेर की रहने वाली सुशीला चौधरी ने पहला स्थान प्राप्त किया। सुशीला चौधरी ने कहा कि उन्होंने विदेशी महिलाओं के साथ भाग लिया और जीत हासिल कर राजस्थान का नाम रोशन किया है।
सांस्कृतिक प्रोग्राम भी हुए
मेला ग्राउंड में सांस्कृतिक प्रोग्राम भी आयोजित किए गए। इसमें अंतरराष्ट्रीय नगाड़ा वादक नाथू सिंह की ओर से नगाड़े की थाप पर सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गए। लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
प्राचीन और पारंपरिक वाद्य यंत्र नगाड़ा वादक के रूप में पुष्कर के नाथू सोलंकी फेमस है। जो विदेशों में भी शो कर चुके हैं। वे अब तक 50 से ज्यादा देशों की यात्रा कर चुके हैं। कई विदेशी पर्यटक पुष्कर आकर नाथू सोलंकी से नगाड़ा बजाने की कला सीख चुके हैं। बता दें नगाड़ा पहले युद्ध में बजाया गया था। आजकल वह नगाड़ा प्रत्येक शुभ और धार्मिक कामों में बजाया जा रहा है।
आज ये कार्यक्रम होंगे
आज शाम 6 बजे मेला ग्राउंड पर वॉइस ऑफ पुष्कर लोकल आर्टिस्ट प्रोग्राम का आयोजन होगा। शाम 7 बजे मेला ग्राउंड पर स्टेज पर बेस्ट ऑफ राजस्थान के तहत राजस्थानी डांस का आयोजन होंगे।
आगे ये कार्यक्रम
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