तीर्थ नगरी पुष्कर में वैसे तो 1 हजार से अधिक मंदिर है, जहां रोजाना विभिन्न धार्मिक आयोजन आयोजित किये जाते हैं। इन ही मंदिरों में मुख्य स्थान रखने वाले रामानुज सम्प्रदाय से सम्बन्धित श्री रमा वैकुंठ दिव्य देश (नया रंगजी) मंदिर में सालाना ब्रह्मोत्सव का आयोजन चल रहा है, जिस के चलते रोजाना भगवान वैकुंठ नाथ अपने भक्तों को दर्शन देने मंदिर से कस्बे में आते हैं। सालाना ब्रह्मोत्सव के दौरान भगवन की विभिन्न लीलाओं का मंचन भी क्या जाता है। कल 15 मार्च को बसंत की सवारी निकली जाएगी, जिसमें भगवान नगर में भक्तों से साथ केसर के साथ होली खेलेंगे।
भगवान ने मोहिनी स्वरूप मे दिए भक्तों को दर्शन
कस्बे के नए रंगजी मंदिर में चल रहे 11 दिवसीय ब्रह्मोत्सव के तहत मंगलवार को मोहनी स्वरुप की सवारी निकाली गई। इस दौरान भगवान वैकुंठनाथ ने भक्तों को दर्शन देने के लिए अपने भक्तों के कंधों पर सवार होकर नगर भ्रमण किया। मोहिनी स्वरुप का उल्लेख पुराणों में वर्णित समुद्र मंथन की घटना से है, जिसमें मंथन से निकले अमृत कलश को प्राप्त करने के लिए देवताओं और राक्षसों में होड़ मच गई थी। उस समय भगवान विष्णु ने मनोहर श्रृंगार कर स्त्री का रूप धर लिया और अमृत का सेवन देवताओं दिया।
मंदिर परिसर में भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मच गई। जहां भगवन के सामने अश्व के मनमोहक नृत्य का आयोजन किया गया, जिसे देख उपस्थित जन समूह मंत्रमुग्ध हो गया। वराह घाट से पूजा आरती के बाद सवारी दोबारा मंदिर पहुंची।
भगवान खेलेंगे केसर के साथ होली
पुष्कर के नए रंगजी मंदिर में आयोजित 11 दिवसीय ब्रह्मोत्सव के दौरान बुधवार शाम को बसंत की बड़ी सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। सवारी के दर्शन करने लिए पुष्कर समेत आस-पास के श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़तीहै। बुधवार को मंदिर के उत्सव मंडप में विशेष अभिषेक-अर्चना के साथ स्वर्ण आभूषणों से सुसज्जित भगवान वैकुंठनाथ की सवारी नगर परिक्रमा के लिए निकली जाएगी। गाजे-बाजे के साथ शाम 5 बजे मंदिर से शुरू हुई सवारी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहेगा।
सवारी के दौरान सोने की पालकी में भगवान वैकुंठनाथ को स्वर्ण मंडित पिचकारी से लक्ष्मी एवं गोदांबा जी के साथ केसर एवं अबीर से होली खेलते हुए शृंगारित किये जाएंगे। इस दौरान पुजारियों द्वारा दर्शनार्थियों पर केसर के छींटे लगा कर होली खेली जाएगी। मंदिर व्यवस्थापक सत्यनारायण रामावत ने बताया कि यह सवारी वराह घाट चौक, बद्री घाट, होली का चौक आदि मुख्य मार्ग से नगर भ्रमण करती हुई देर रात्रि को वापस मंदिर आएगी। मंदिर में आरती के बाद प्रसाद वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
अश्व सवारी का होता है साल भर इन्तजार
मंदिर के व्यवस्थापक सत्यनारायण रामावत ने बताया की नए रंगजी मंदिर में चल रहे 11 दिवसीय ब्रह्मोत्सव के तहत बुधवार 15 मार्च को ब्रह्मोत्सव के तहत बसंत की सवारी भी निकाली जाएगी, जिसमें वैकुंठ नाथ भगवान नगर में केसर से होली खेलेंगे। गुरुवार 16 मार्च को कदम्ब और गज वाहन पर भगवन की सवारी निकलेंगी। 17 मार्च को जल विहार उत्सव के बाद भगवन अश्व पर सवार होकर भक्तो को दर्शन देंगे, जिसके बाद परकाल स्वामी का बहुमान किया जाएगा। 18 मार्च शनिवार को भगवन यज्ञान्त स्नान के लिए पुष्कर सरोवर पर पधारेंगे। 19 मार्च रविवार को पुष्पक विमान में सवार होकर भगवन की सवारी निकली जाएगी। जिसके बाद अन्नकूट प्रसाद का वितरण भक्तों में किये जाएगा।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.