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बुधवार को अलवर शहर में डीएसपी व पुलिस कांस्टेबल को 3 लाख रुपए की रिश्वत के मामले में ट्रैप की कार्रवाई के पीछे का गठजोड़ जानकर आप भी चौंक जाएंगे। जिस परिवादी ने कांस्टेबल के जरिए डीएसपी को 3 लाख रुपए रिश्वत दी। उसके खिलाफ ठगी करने, डम्पर काटने, बीमा कम्पनी को चपत लगाने जैसे करीब 13 मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। इन संगीन मामलों से छुटकारा पाने के मकसद से आरोपी पहले पुलिस के आला अधिकारियों तक सांठगांठ करने में सफल भी हो गया। लेकिन, रिश्वत की राशि ज्यादा पहुंची तो उसने फिर डीएसपी, एसएचओ व कांस्टेबल को ट्रैप कराने का मन बनाया। फिर यह आरोपी एसीबी में जाकर परिवादी बन गया। अब एसएचओ भी संदेह के घेरे में हैं और वे सफाई दे रहे हैं कि मैं तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने वाला था। शायद उसे भनक लगी और उसने फंसाने के लिए यह षड़यंत्र रचा है।
मतलब उसने डीएसपी व कांस्टेबल को रिश्वत के मामले में अपने झांसे में ले लिया और ट्रैप करा दिया। लेकिन, इस कार्रवाई से पुलिस व बदमाशो का गठजोड़ सामने आ गया। मतलब पुलिस के बड़े अधिकारी इस तरह के मामलों के आरोपियों को राहत देने के लिए आतुर रहते हैं। बाकायदा उसे घर बुलाते हैं और रिश्वत ली जाती है। पुलिस व अपराधियों के बीच मिलीभगत का खुलासा भी ट्रैप की कार्रवाई से सामने आ गया है।
एसएचओ के भी बयान लिए
परिवादी ने एसीबी से अरावली विहार थाना एसएचओ जहीर अब्बास की भी शिकायत की थी। जहीर अब्बास रिश्वत की राशि के समय तो सामने नहीं आए लेकिन, शिकायत के आधार पर एसीबी ने एसएचओ के बयान लिए हैं।
एसएचओ बोला मेरे पास चार फाइल, एक साल से नहीं मिला
एसएचओ जहीर अब्बास ने कहा कि परिवादी से एक साल से नहीं मिला हूं। जिसके खिलाफ ठगी करने, बीमा कम्पनी को चपत लगाने, डम्पर कटवाने जैसे कई मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। मैं उससे जुड़े चार मामलों का जांच अधिकारी हूं। वह मुझसे एक साल से नहीं मिला है। हां, इतना जरूर है कि मैं जल्दी चारों मामलों में सख्ती से कार्रवाई की तैयारी कर चुका था। हो सकता है उनको यह भनक लगी हो और मुझे भी जानबूझकर फंसाने का प्रयास किया गया हो। बाकी मुझे कोई डर नहीं है। मैं एसीबी की कार्रवाई के दौरान भी थाने पर था। बाद में मैं खुद वहां गया और अपने बयान देकर आया हूं।
मुझे समझ नहीं आता 3 लाख रुपए किस बात के लिए
एसएचओ जहीर अब्बास ने यह भी कहा कि आरोपी के चार मामलों की जांच मैं कर रहा हूं और रिश्वत की राशि डीएसपी को दी गई। यह समझ से परे हैं। मेरी जानकारी में कुछ भी नहीं है। मैं इस आरोपी के सभी मामलों में सख्त कार्रवाई की तैयारी पहले ही कर चुका था। जो प्रक्रियाधीन है।
ये है मामला
असल में तिजारा के बेरला गांव निवासी परिवादी राशिद खान ने एसीबी जयपुर में शिकायत की थी कि उसके खिलाफ दर्ज मामलों में रिलीफ देने के लिए डीएसपी, एसएचओ ने 13 लाख रुपए मांगे हैं। इसके बाद परिवादी ने 3 लाख रुपए के साथ डीएसपी सपात खान व कांस्टेबल असलम को ट्रैप कराया। हालांकि एसएचओ की भूमिका की जांच चल रही है। उनके भी बयान लिए गए हैं।
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