अलवर में कांग्रेस ने नया जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा को बनाया है। मिश्रा वतर्मान में भी कार्यकारी जिलाध्यक्ष थे। अब उनको पूरी तरह जिलाध्यक्ष की कमान सौंप दी है। वैसे अलवर में जिलाध्यक्ष पद के लिए तीन प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे। जिनमें अजीत यादव व पूर्व विधायक कृष्ण मुरारी गंगावत के नाम भी थे। अजीत यादव को ज्यादा मजबूत माना गया था। लेकिन पार्टी ने कार्यकारी जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा पर ही मुहर लगाई है।
पंचायत चुनाव के परिणाम से कद बढ़ा
माना जा रहा है कि योगेश मिश्रा को जिलाध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने ब्राह्मण समुदाय को साधने का प्रयास किया गया है। वैसे भी योगेश मिश्रा लगातार दो साल से कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे। उनके कार्यकाल में हुए नगर पालिका, पंचायत चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली। उनकी कार्यशैली पर हाईकमान ने मुहर लगा दी। जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा लगातार कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूूली के नजदीक रहे हैं। पंचायत चुनावों में उनके साथ मिलकर काम किया। उसके बेहतर परिणाम आए। जिसके कारण पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उनके नाम पर सहमति दी है।
अजीत यादव का नाम ऊपर तक
कांग्रेस पार्टी में अजीत यादव वरिष्ठ नेता हैं। जिलाध्यक्ष को लेकर उनका नाम आगे तक पहुंचा है। आम कांग्रेसी में भी उनके नाम की चर्चा थी। हाईकमान ने भी फीडबैक लिया था। उनमें अजीत यादव का नाम चल रहा था। लेकिन आखिर में पार्टी ने योगेश मिश्रा पर विश्वास जताया। जिसके पीछे एक बड़ा कारण यही माना गया है कि मौजूदा कार्यकारी अध्यक्ष को हटाकर नए को बनाने की बजाय इनके नाम की घोषणा करने से असंतोष कम खड़ा होगा। वैसे पिछले चुनाव परिणाम इनके नाम को सपोर्ट कर रहे थे।
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