जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में अलवर के लाल की भिड़ंत आतंकियों से हो गई। लोहा लेते हुए उसे गोली लग गई। फिलहाल कश्मीर के बेस अस्पताल में इलाज चल रहा है। स्थिति खतरे से बाहर है।
अलवर के मुण्डावर के भीखावास गांव निवासी CRPF के असिस्टेंट कमांडेंट सत्येंद्र सिंह यादव की बहादुरी की चर्चा पूरे देश में है। उनकी बटालियन के जवानों ने 28 जून को लश्कर के कमांडर को पकड़ा। इसके बाद उसके बताए अनुसार हथियार व बारुद बरामद करने गए तो वहां आतंकियों से आमना-सामना हो गया। जवान सत्येंद्र ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया। वहीं, आतंकियों की ओर से की गई फायरिंग में सत्येंद्र को दो गोली लगी। एक हाथ में, दूसरी कंधे पर। सत्येंद्र गृह मंत्री अमित शाह की सुरक्षा में भी रह चुके हैं।
28 जून को हुआ था सामना
सत्येंद्र के परिवार के भाई एडवोकेट उमेश ने बताया कि 28 जून को ही सत्येंद्र व उनके जवानों ने लश्कर के कमांडर को पकड़ा था। कमांडर ने बताया कि उसके पास हथियार व बारूद भी है। उसके बताए अनुसार एक गांव में फोर्स पहुंची। वहां जिस घर में उनकाे जाना था, वहां पहले से 2 आतंकी थे। उन्होंने घर में घुसते ही गोली चला दी। सत्येंद्र व उनके जवानों ने दोनों को ढेर कर दिया। इस दौरान सत्येंद्र को दो गोली लगी।
साहस की चर्चा
अलवर जिले के सपूत जवान के साहस की सब जगह चर्चा है। सोशल मीडिया पर भी उनके साहस को सब सलाम करने लगे हैं। उन्होंने वीरता का परिचय देकर देश का नाम किया है।
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