यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में देश में तीसरे स्थान पर रही अलवर की बेटी अंकिता और 21वें स्थान पर रही उनकी बहन वैशाली का कहना है कि आप जाे भी काम करें उसे एंजाॅय करें। ऐसा नहीं कर पा रहे हैं ताे तुरंत उसे छाेड़ दें। ऐसा करने से आप अपने भविष्य काे सही दिशा देने में सफल हाे पाएंगे।
अंकिता और वैशाली ने दैनिक भास्कर से शनिवार काे बातचीत में यह बात कही। वे मूल रूप से तिजारा की रहने वाली हैं। बकाैल अंकिता हमें अपनी गलतियाें से सीखना जरूरी है। अक्सर हम साेचते हैं कि जाे कर रहे हैं वाे सही है। ऐसी स्थिति में हम खुद में काेई सुधार नहीं करते और लगातार ऐसा हाेने से हमारे आत्मविश्वास में कमी हाेती जाती है। गलतियाें से सीखेंगे, ताे हम उसका हल निकाल सकते हैं।
दूसरा सिविल सर्विस की तैयारी के लिए इस फील्ड में एंट्री करने से पहले खुद काे मानसिक रूप से तैयार कर लें कि यह लंबा चलेगा और कई चुनाैतियां भी मिलेंगी। औसा नहीं है कि पहले प्रयास में सफलता मिल जाए। मुझे प्राॅपर जगह बनाने में 4 बार प्रयास करना पड़ा। हालांकि मेरा दूसरे प्रयास में सलेक्शन हाे गया था और मुझे अाईअारएस मिला था। इसके बाद तीसरे प्रयास में प्री क्लीयर नहीं हुआ।
बहुत छाेटे-छाेटे तरीके हैं जिनके जरिए आप अपना स्ट्रेस मैनेज कर सकते हैं। मेरे सामने ऐसा कई बार हुआ, लेकिन उन स्थितियाें में मैंने फ्लाे चार्ट बनाए और तय किया कि काैन-काैनसे िवकल्प सामने हैं। विकल्प चुनने के बाद सामने क्या-क्या हाेगा? इससे मानसिक शांति मिलती है और पता चल जाता है कि हम किस स्थिति में हैं और आगे कैसे बढ़ सकते हैं। मैं कहूंगी कि विपरीत परिस्थितियाें में यदि राेने का मन कर रहा है ताे राे लेना बेहतर है।
इससे शांति मिलेगी और हम उससे ज्यादा दुगनी ऊर्जा के साथ अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ सकते हैं। अपने आप से बात करें कि आगे क्या किया जा सकता है। दिन में एक बार समय निकालकर बाताें काे परिवार के साथ शेयर भी करें। इससे सकारात्मक साेच बढ़ेगी। जीवन में कुछ सकारात्मक चीजाें काे जरूर रखें। इसमें याेगा, पढ़ने का शाैक या काेई कला आदि कुछ भी हाे सकता है।
तैयारी के दाैरान कभी ऐसा लगे कि थक चुके या निगेटिव विचार आएं ताे खुद से पूछना बेहद जरूरी है कि हमने यह यात्रा शुरू ही क्याें की थी? 21वें नंबर पर रही वैशाली का कहना है कि खुद से पूछें कि इस क्षेत्र में आए ही क्याें थे। इस फील्ड में एंट्री के दाैरान जाे बातें साेची थी उन्हें याद करें। इससे यह क्लीयर हाे जाएगा कि हम सिविल सर्विसेज में अाए क्याें थे? हम यदि समाज सेवा के लिएमआए थे ताे अंत तक यही रहेगा।
इंटरव्यू में सामान्यताैर पर वही पूछा जाता है जाे हमने लिखकर दिया हुआहै। ऐसे सवाल नहीं पूछे जाते जिनका काेई संदर्भ नहीं हाे। कई बार कुछ निगेटिव प्रश्न भी पूछते हैं, लेकिन हमें उस स्थिति में धैर्य से काम लेना चाहिए। इंटरव्यू में ज्यादातर यह देखा जाता है कि आप कितने आत्मविश्वास के साथ जवाब देते हैं। इंटरव्यू में कंफर्टेबल माेड में बात की जाती है। तैयारी करने वाले यह ध्यान यह रखें कि जवाब नहीं आता है, ताे मना कर दें। झूठ ना बाेले ऐर गुमराह नहीं करें।
मैनें इंजीनियरिंग सर्विस के साथ प्री दिया था। तब क्लीयर नहीं हुआ। इसके बाद मेरा दूसरा प्रयास था। मेरी बड़ी बहन अंकिता ने ही मेरा मार्गदर्शन किया और मुझे यहां तक पहुंचाया। हमने साबित किया कि एक और एक ग्यारह हाेते हैं।
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