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तीन लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) जयपुर की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन विंग द्वारा करीब तीन महीने पहले गिरफ्तार किए गए डीएसपी सपात खान व शेखपुर अहीर थाने में ड्राइवर के पद तैनात रहे कांस्टेबल असलम खान को सोमवार को हाईकोर्ट के जज महेंद्र गोयल की बैंच से जमानत मिल गई है।
इससे पहले 60 दिन की अवधि पूरी होने पर एसीबी ने कांस्टेबल के खिलाफ ताे चालान पेश कर दिया था, लेकिन डीएसपी के खिलाफ साक्ष्याें के अभाव में चालान पेश नहीं किया था। डीएसपी ने अलवर की एसीबी मामलात की विशेष काेर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी, जो खारिज हो गई थी। इसके बाद कांस्टेबल व डीएसपी ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी।
एडवोकेट एसएस होरा ने बताया कि डीएसपी सपात खान व कांस्टेबल असलम को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। दोनों को 50-50 हजार रुपए बॉंड पर जमानत दी है। एसीबी जयपुर की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन विंग ने 6 जनवरी को डीएसपी ग्रामीण सपात खान के एनईबी हाउसिंग बाेर्ड स्थित घर पर छापा मारकर कांस्टेबल असलम को 3 लाख रुपए की रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया था।
आरोप था कि रिश्वत की राशि डीएसपी ने राशिद नाम के व्यक्ति को मुकदमों में राहत देने के लिए ली थी। एसीबी ने डीएसपी को भी गिरफ्तार किया था। इस मामले में एसीबी ने 6 मार्च को कांस्टेबल के खिलाफ विशिष्ट न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण मामलात अलवर में चालान पेश कर दिया, लेकिन डीएसपी के खिलाफ चालान पेंडिंग रखा।
एसीबी के जांच अधिकारी ने तर्क दिया था कि डीएसपी के खिलाफ ठाेस सबूत व साक्ष्य सामने नहीं आए हैं, इसलिए चालान पेंडिंग रखा है। न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे डीएसपी व कांस्टेबल को निलंबित भी कर दिया गया था। चालान पेश नहीं होने पर डीएसपी ने अलवर की एसीबी की विशेष अदालत ने जमानत याचिका लगाई थी, इसे कोर्ट ने 17 मार्च को खारिज कर दिया था। शेष पेज|12 पर
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