अलवर शहर से 3 बार विधायक रहे जीतमल जैन का 90 साल की उम्र में निधन हो गया। विधायक के अलावा वे दो बार यूआईटी अध्यक्ष व एक बार पार्षद भी रहे हैं। उनके कोई संतान नहीं है। शहर के पंचवटी में जय का परिवार विधायक के साथ रहता है। परिवार में विधायक की पत्नी और जय की फैमिली है। वे लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। जो भाजपा में वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं।
जीतमल जैन के निधन पर शहर विधायक संजय शर्मा सहित अनेक भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। उनका कहना है कि ऐसे नेता की भरपाई नहीं हो सकती। हमेशा उनकी कमी खलती रहेगी। उनकी अपनी पहचान रही है। वे एक ईमानदार व हर वर्ग के लिए काम करने वाले थे।
देखरेख करने वाले ही परिवार
जीतमल जैन की देखरेख करने वाले चंद्रमोहन तिवाड़ी और जय का परिवार है। आसपास के लोगों ने बताया कि पूर्व विधायक जीतमल जैन एक बार नेपाल गए थे। उस समय जय से उनकी मुलाकात हुई थी। इसके बाद जय को वे खुद के घर लेकर आ गए। यहां अच्छे से पढाई कराई। इसके बाद जय की नौकरी भी लग गई। तभी से जय का परिवार अलवर शहर के पंचवटी में पूर्व विधायक जीतमल जैन के साथ ही रहता है।
कब-कब रहे विधायक
जीतमल जैन पहली बार इमरजेंसी के बाद 1977 में विधायक बने। उनका पहला कार्यकाल करीब 3 साल तक रहा। दूसरी बार 1980 में विधायक बने। 1985 तक रहे। तीसरी बार 1990 में बने और 1993 तक रहे। इसी अवधि के दौरान वे 1980 व 1993 में यूआईटी के अध्यक्ष रहे हैं। चार बार भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे हैं।
भाजपा के नेता व एडवोकेट केजी खण्डेलवाल ने बताया कि वे एक तरह से भाजपा के संस्थापक नेता रहे हैं। इतिहासविद् हरीशंकर गोयल ने बताया कि जीतमल जैन उनके अच्छे मित्र रहे हैं। वे एक ईमानदार नेता रहे। पहले जनसंघ में थे। बाद में भाजपा से शुरू से रहे हैं।
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