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सरकार प्रदेश के 18 जिलों में गर्भवती महिलाओं की तलाश कर रही है। सोनोग्राफी कराने के बाद इंपेक्ट सॉफ्टवेयर में दर्ज इन गर्भवती महिलाओं की ट्रेकिंग नहीं हो सकी है। प्रदेश की 280 और अलवर की 12 ये वे गर्भवती महिलाएं हैं, जिनकी कोरोनाकाल में जुलाई में सोनोग्राफी हुई थी और इनका डेटा इंपेक्ट सॉफ्टवेयर में दर्ज होने के बाद ट्रेकिंग नहीं हो पा रही है।
जयपुर प्रथम में सर्वाधिक 62 गर्भवती महिलाओं की ट्रेकिंग नहीं हुई है। अलवर में रेंडम जांच के लिए 122 गर्भवती महिलाओं को सलेक्ट किया गया, जिनमें से 77 महिलाओं की डिलीवरी हुई है। अभी 28 महिलाओं की डिलीवरी नहीं हुई है, जबकि 5 ने गर्भपात कराया है। 12 गर्भवती महिलाएं अभी ट्रेकिंग सिस्टम के नेटवर्क में नहीं आ रही हैं।
इन गर्भवती महिलाओं पर लिंग परीक्षण करा अवैध गर्भपात कराने की आशंका है। इसी कारण धरातल पर इनका सत्यापन कराया जा रहा है, क्योंकि जुलाई में इंपेक्ट सॉफ्टवेयर में दर्ज गर्भवती महिलाओं की विश्लेषण रिपोर्ट को संकलित करने के बाद देखा गया कि जिन महिलाओं को ट्रेस नहीं किया जा सका और जिन महिलाओं के गर्भपात दिखाए गए हैं, उनका कारण और स्थान स्पष्ट नहीं हैं।
पीसीपीएनडीटी की परियोजना निदेशक अधीक्षक शालिनी सक्सेना ने जो महिलाएं ट्रेस नहीं हो पाई हैं, उनका 7 दिन में सत्यापन कराने के निर्देश पीसीपीएनडीटी के जिला नोडल अधिकारी एवं सीएमएचओ को दिए हैं। इसमें गर्भवती महिला की डिटेल, वर्तमान में जीवित मेल व फीमेल बच्चों की संख्या, गर्भपात के समय महिला कितने महीने की गर्भवती थी, गर्भपात की तिथि, गर्भपात से पहले जिस सेंटर से सोनोग्राफी कराई, उसका नाम सहित पूरा पता, गर्भपात करने वाले हॉस्पिटल की डिटेल और गर्भपात के सही कारण की जानकारी मांगी है।
हरियाणा सीमा के कारण अलवर सबसे ज्यादा संदिग्ध
हरियाणा की सीमा से सटे क्षेत्रों में लिंग परीक्षण को लेकर अलवर पहले से संदिग्ध रहा है। पहले भी जिले में गर्भवती महिलाओं के लिंग परीक्षण के मामले पकड़े जा चुके हैं, क्योंकि जिले के ज्यादातर केसों के लिंग परीक्षण के लिए हरियाणा के सटे जिलों में पहुंचने की आशंका रहती है और गर्भपात भी अवैध रूप से जिला मुख्यालय सहित जिलेभर में संचालित अवैध सेंटरों पर हो रहे हैं। इसी कारण ऐसे केस ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं।
ट्रेकिंग नहीं होने वाली गर्भवती महिलाएं
अलवर में 12, बांसवाड़ा 16, बारां 1, बाड़मेर 13, चित्तौड़गढ़ 19, चूरू 1, दौसा 17, डूंगरपुर 21, हनुमानगढ़ 19, जयपुर प्रथम 62, जैसलमेर 2, जोधपुर 29, कोटा 22, पाली 1, प्रतापगढ़ 6, राजसमंद 14, सवाईमाधोपुर 2 और उदयपुर में 23 गर्भवती महिलाओं की ट्रेकिंग नहीं हो पाई है।
26 जिलों में 86 गर्भपात के कारण स्पष्ट नहीं
प्रदेश में 26 जिलों में 86 गर्भवती महिलाओं ने गर्भपात कराए हैं, लेकिन उनके कारण और स्थान स्पष्ट नहीं हैं। ऐसे केस अलवर में 5 हैं। प्रदेश मुख्यालय से अब इनके सत्यापन की रिपोर्ट मांगी गई है।
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