अलवर में मंगलवार रात दरिंदों ने नाबालिग बच्ची का गैंगरेप कर पुलिया पर फेंक दिया। लहूलुहान किशोरी एक घंटे तक पुलिया पर तड़पती रही। पुलिस उसे अस्पताल ले गई। हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे जेके लोन अस्पताल जयपुर रेफर कर दिया। जेके लोन अस्पताल में बच्ची का ऑपरेशन किया गया है। गैंगरेप के आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं।
SP तेजस्वनी गौतम ने बताया कि तिजारा फाटक पुलिया पर गैंगरेप के बाद नाबालिग को फेंका गया था। लहूलुहान नाबालिग चिल्ला भी नहीं सकी। जब उसे अस्पताल ले गए तो डॉक्टरों ने जांच की। तब जाकर पता चला कि बच्ची मूक-बधिर है। पुलिस दरिंदों की तलाश में जुटी है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। पुलिस की तीन टीम बदमाशों की तलाश में लगी हैं।
जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरविंद शुक्ला ने बताया कि 7 डॉक्टरों की टीम बच्ची का इलाज कर रही है। बच्ची को शॉर्प ऑब्जेक्ट से बुरी तरह घायल किया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और उद्योग मंत्री शकुंतला रावत भी बच्ची को हाल जानने अस्पताल पहुंची थीं।
कार सवार आरोपियों ने फेंका- प्रत्यक्षदर्शी
पुलिस को देर रात पता चला कि नाबालिग मूक-बधिर मंगलवार शाम करीब 4 बजे मालाखेड़ा से अलवर की तरफ आई थी। वह टैंपो में बैठी थी। उसके बाद गैंगरेप की वारदात हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कार सवार लोगों ने नाबालिग को पुलिया पर फेंका है। इसके बाद लोगों ने पुलिस को फोन किया।
पुलिस का मानना है कि मालाखेड़ा के पास धवाला से नाबालिग का अपहरण किया गया। इसके बाद बदमाश उसे सुनसान जगह लेकर गए। गैंगरेप के बाद नाबालिग की हालत बिगड़ी तो उसे पुलिया पर फेंका गया। रात से पुलिस ने कई जगहों पर सीसीटीवी खंगाले हैं, फिर भी पुलिस अभी खाली हाथ ही है।
अलवर में अपराध बेलगाम
अलवर जिले में आए दिन गैंगरेप की घटनाएं सामने आती रही हैं। कुछ समय पहले थानागाजी में हुए गैंगरेप के मामला देशभर में उछला था। मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि मामले का पता लगते ही पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की है। ऐसी घटना न हो, इसके लिए लोगों को भी सरकार के साथ मिलकर काम करना पड़ेगा।
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