रणथम्भौर का टाइगर सरिस्का जंगल में दौड़ा:बुधवार रात एनक्लॉजर से जंगल में छोड़ा, 3 दिन रहा पिंजरे में

अलवर8 महीने पहले
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एनक्लॉजर से बाहर छोड़ा। - Dainik Bhaskar
एनक्लॉजर से बाहर छोड़ा।

रणथम्भौर का टाइगर टी-113 अब सरिस्का में जंगल में दौड़ने लगा है। जिस सरिस्का में ST-29 का नाम दिया गया है। यह टाइगर सरिस्का में टाइग्रेस ST-10, ST 12 व ST 22 के क्षेत्रों के आसपास सॉफ्ट रिलीज किया गया है। बाघ की पांच टीम बराबर मॉनिटरिंग भी करेंगी। तीन दिन पहले अलवर लाग गए टाइगर को गुरुवार तड़के साढ़े 4 बजे सरिस्का के जंगल में छोड़ा गया। जैसे ही टाइगर एनक्लॉजर से निकला जंगल की तरफ दौड़ा।

ठीक इसी तरह जब रणथम्भौर से टाइगर को सरिस्का के एनक्लॉजर में छोड़ा था। तब भी केज से निकलते ही दौड़ा था। अब सरिस्का में टाइगर की संख्या में बढ़कर 25 हो गई है। सरिस्का प्रशासन ने इसकी जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की है। पहले भी गुपचुप ही टाइगर शिफ्टिंग की गई थी।

जंगल की ओर दौड़ लगाते टी-113 की तस्वीर।
जंगल की ओर दौड़ लगाते टी-113 की तस्वीर।

टूरिस्ट के लिए खास बात
टूरिस्ट के लिए खुशखबर है। यहां अब टाइगर की संख्या बढ़ी है। अब साइटिंग के अधिक अवसर रहेंगे। असल में सरिस्का में टाइगर की संख्या में अब बढ़ने लगी है। पिछले दिनों युवा टाइगर एसटी 13 के गायब होने के बाद उम्मीद टूटी थी।

लेकिन, अब उसकी भरपाई के लिए एसटी 5 लाया गया है। ताकि सरिस्का में टाइगर की संख्या में तेजी से इजाफा हो। असल में टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है।

सरिस्का से 16 अक्टूबर को टाइगर लाया गया। तब एनक्लॉजर में छोड़ा गया था।
सरिस्का से 16 अक्टूबर को टाइगर लाया गया। तब एनक्लॉजर में छोड़ा गया था।

सरिस्का में अब 25 टाइगर
DFO डीपी जागावत ने बताया कि सरिस्का में टाइगर की संख्या 25 हो गई है। इसमें 11 फीमेल टाइगर ST 7, ST 8, ST 2, ST 7, ST9, ST 10, ST12, ST17, ST14, ST19, ST 22 हैं। 7 मेल टाइगर ST15, ST20, ST21, ST18, ST23, ST24, ST25 हैं। इनमें टाइगर 113 भी अब जुड़ जाएगा। इस समय ST17 के 2, ST19 के 2 शावक हैं। पिछले दिनों ST 5 व ST 13 टाइगर गायब हो चुके हैं।

रणथंभौर से कौन-कौन सा बाघ गया सरिस्का
जानकारी के अनुसार रणथंभौर से अब तक कुल 10 बाघ सरिस्का भेजे जा चुके हैं। इसमें मादा बाघिन टी-1, टी-18, टी-44, बीना-1, बीना-2 और नर बाघ टी-12, टी-10, टी-75, टी-113 के अलावा टी-7 भी भरतपुर से पकड़कर सरिस्का भेजे जा चुके हैं।

टी-7 रणथंभौर अभयारण्य में रेंजर दौलत सिंह पर हमला करने के बाद इस जंगल को छोड़कर भरतपुर के जंगलों में चला गया था। वहां से इसे पकड़कर इसे सरिस्का भेजा गया था।

रणथम्भौर में टाइगर को ट्रैंकुलाइज कर अलवर के सरिस्का लाया गया था।
रणथम्भौर में टाइगर को ट्रैंकुलाइज कर अलवर के सरिस्का लाया गया था।

2004 में नहीं बचे थे बाघ
अलवर के सरिस्का टाइगर रिजर्व में साल 2004 में सभी टाइगर खत्म हो गए थे। बाघों का शिकार हुआ था। इसके बाद साल 2008 में यहां रणथंभौर से टाइगर शिफ्ट किए गए। एक-एक करके कुल 9 टाइगर शिफ्ट किए गए। इस वजह से सरिस्का में बाघों की संख्या आज 25 है। कई टाइगर मर चुके हैं। सबसे ताकतवर टाइगर एसटी-13 जनवरी 2022 से लापता है।