अलवर में 14 साल की लड़की से गैंगरेप की घटना ने राजस्थान को झकझोर दिया है। पीड़ित बोल नहीं पाती। उसे सुनने में भी दिक्कत है। फिलहाल जयपुर में उसका इलाज चल रहा है। बुधवार को ऑपरेशन के बाद मंत्री और अफसर उससे मिलने पहुंचे, लेकिन हालत देखकर सहम गए। इस दरिंदगी के बाद अपनी पीड़ा बताने के लिए उसके पास सिर्फ दो शब्दों का ही सहारा है। वो है- 'मां' और 'पा'। वह इससे ज्यादा बोल ही नहीं पाती।
अलवर में पुलिस कई CCTV फुटेज खंगाल चुकी है, लेकिन आरोपियों तक पहुंचने में कामयाबी नहीं मिली है। अब उसे इंतजार है कि लड़की का इलाज हो जाए तो उसके इशारों से बदमाशों का हुलिया जानने की कोशिश की जाए। पीड़ित के माता-पिता भी जयपुर में हैं। उनके इशारों को वह थोड़ा अच्छे से समझ सकेगी। उन्हीं की मदद से पुलिस जानकारी लेने की कोशिश करेगी।
कई यूनिट खून चढ़ाया
रेप के दौरान दरिंदों ने लड़की के प्राइवेट पार्ट में धारदार हथियार से गहरा घाव कर दिया है। 5 डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर बच्ची की जान बचाई। पहले अलवर और फिर जयपुर में कई यूनिट खून चढ़ाया गया।
माता-पिता करते हैं मजदूरी
पीड़ित के माता-पिता मजदूर हैं। उनकी एक बेटी और एक बेटा और हैं। गांव वालों ने बताया कि पीड़िता मंगलवार दोपहर 12 बजे खेत के कच्चे रास्ते से होती हुई सड़क किनारे पहुंची थी। उसके बाद उसे किसी ने नहीं देखा। इसके बाद 11 जनवरी की रात को गैंगरेप की जानकारी मिली। लड़की को अलवर में तिजारा फाटक पुलिया पर फेंका गया था। वहां वह एक घंटे तक तड़पती रही। वह कुछ भी बता नहीं पा रही थी। हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर रेफर किया गया।
अंदरूनी हिस्से में काफी गहरे घाव हैं
जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरविंद शुक्ला ने बताया कि बच्ची के अंदरूनी हिस्से में काफी गहरे घाव हैं। उसका रेक्टम अपनी जगह से खिसक गया है। उसे जब अस्पताल लाया गया तो काफी ब्लीडिंग हो रही थी। उसके प्राइवेट पार्ट में शार्प कट था। बच्ची के पेट में छेद करके अलग से रास्ता बनाया गया है, जिससे मल को बाहर निकाला जा सके।
MP के गृह मंत्री बोले- प्रियंका राजस्थान जाकर भी लड़ें
अलवर गैंगरेप कांड पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और मप्र के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधा है। मिश्रा ने कहा कि उप्र में लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा देने वाली प्रियंका गांधी को राजस्थान में भी जाकर लड़ना चाहिए। अलवर में निर्भया जैसा कांड निंदनीय है। यदि वे राजस्थान में जाकर लड़ेंगीं तो समझ आएगा कि वे वाकई में लड़ सकती हैं।
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