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हाईवे संख्या 48 के शाहजहांपुर बॉर्डर पर 23 दिन से चल रहा किसानों का आंदोलन रविवार को खासा चहल पहल भरा रहा। सुबह करीब 11 बजे टीकरी बॉर्डर से उठकर भारतीय किसान यूनियन (एकता) उगराहा के करीब पांच से सात हजार किसान करीब 700 से भी अधिक ट्रैक्टरों में शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंचे। ये किसान रेवाड़ी से पहले बीकानेर में शनिवार को पड़ाव डाल चुके थे। जबकि रविवार को वाया रेवाड़ी होते हुए ये किसान खंडोडा मोड से शाहजहांपुर के आंदोलन स्थल पहुंचे।
आंदोलन स्थल पर अनशनरत आरएलपी के कार्यकर्ताओं से मिलने दोपहर करीब चार बजे आरएलपी के संयोजक सांसद हनुमान बेनीवाल भी आरएलपी के मंच पर पहुंचे एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इधर, भारतीय किसान यूनियन (एकता) के संयोजक सिंगारा सिंह मान का किसान संयुक्त मोर्चे के संयोजक योगेंद्र यादव, अखिल भारतीय किसान सभा के पूर्व विधायक अमराराम चौधरी, जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील सहित संयुक्त मोर्चे से जुड़े किसान नेताओं ने स्वागत किया। बड़ी संख्या में आए ट्रैक्टरों एवं किसानों के चलते यातायात अस्त व्यस्त रहा। दिल्ली कूच की संभावनाओं के बीच राजस्थान एवं हरियाणा प्रशासन चाक चौबंद रहा।
जीकेएस कार्यकर्ता बावल गए
रविवार सुबह जीकेएस के संयोजक रणजीत सिंह राजू शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंचे एवं वहां बाकी रहे अपने पांच से सात ट्रैक्टरों और समर्थकों को जयपुर पोस्ट की ओर से बावल ले गए। उन्हें हरियाणा पुलिस ने रोका भी नहीं।
आरएलपी ने अपने मंच से किया संबोधित
किसान संयुक्त मोर्चे से अलग थलग आरएलपी ने अपना झण्डा अलग ही गाड रखा है। आरएलपी को किसान महापंचायत एवं उनके सहयोगी संगठनों का तो सहयोग प्राप्त है लेकिन वामपंथियों सहित संयुक्त मोर्चा अभी बेनीवाल एवं उनके समर्थकों से दूरी बनाए हुए है। रविवार को आरएलपी के संयोजक सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ वार्ता कर अपनी नीति एवं लड़ाई को लेकर चर्चा की। सभा को आरएलपी के प्रदेशाध्यक्ष विधायक पुखराज गर्ग, महिला मोर्चे की प्रदेशाध्यक्ष स्पर्धा चौधरी, विधायक नारायण बेनीवाल, डॉ. श्रवण चौधरी, प्रदीप चौधरी ने भी संबोधित किया।
ये रहे उपस्थित
किसान संयुक्त मोर्चे के मंच पर दिनभर वक्ताओं का तांता लगा रहा। मंच से किसानों को पूर्व विधायक अमराराम चौधरी, जय किसान आंदोलन के अगवा योगेंद्र यादव, जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील, किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष बलबीर छिल्लर, भारतीय किसान यूनियन (एकता) के सिंगारा सिंह मान, पूर्व विधायक पवन दुग्गल सहित अनेक किसान संगठनों से जुड़े नेताओं ने संबोधित किया।
मील और बेनीवाल को समर्थक अलग-अलग कर अपने खेमों में ले गए
शाम करीब साढ़े चार बजे हनुमान बेनीवाल अपने समर्थकों के साथ किसान संयुक्त मोर्चे के मंच की ओर बढ़े। बेनीवाल जैसे ही मंच के पास पहुंचे तो माइक जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील ने ले लिया। मील माइक पर ही बेनीवाल और उनके समर्थकों पर चिल्लाने लगे। जिसके चलते हनुमान बेनीवाल भी मील से उलझ गए। बाद में दोनों ही नेताओं के समर्थक अपने अपने नेता को पकड़ कर दूर ले गए। बेनीवाल संयुक्त मोर्चे के मंच से बिना संबोधित किए ही वापस लौट गए। इधर, मामले को लेकर जब मील से बात की गई तो उन्होंने बताया कि किसान संयुक्त मोर्चा नियमों से बंधा है।
सभी संगठन संयुक्त मोर्चे के बैनर तले जमा है। ये आंदोलन गैर राजनीतिक है। ऐसे में हनुमान बेनीवाल के समर्थक आरएलपी का झण्डा लेकर नारेबाजी एवं हुडदंग करते हुए मंच पर आते है। मैने तीन बार उनको ऐसा करते देखा है। कांग्रेस भी विगत 23 दिनों से आंदोलनकारियों के साथ है। लेकिन उनका झण्डा कहीं नजर नहीं आता है। मामले में बेनीवाल ने संपूर्ण घटनाक्रम को एक गलतफहमी बताते हुए इस पर किसी तरह की कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया।
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