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हाईवे संख्या 48 के शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन के 27वें दिन खासी गहमा गहमी रही। आंदोलन को अपना समर्थन देने हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा आंदोलन स्थल पहुंची। उनके काफिले के साथ रेवाड़ी विधायक राव चिरंजीवी, पूर्व मंत्री एमएल रंगा, पूर्व सीपीएस रामकिशन गुर्जर, राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश सचिव ललित यादव सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
सभा को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री शैलजा ने मोदी को बातों का जादूगर बताते हुए किसानों को सिर्फ बातों के लतीफे परोसने वाला प्रधानमंत्री बताया। शैलजा ने कृषि कानून को निरस्त कर किसानों की मांगे मानने की बात कही। विधायक राव चिरंजीवी ने भी सभा को संबोधित किया।
सभा को जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील, जय किसान आंदोलन के योगेंद्र यादव, भादरा विधायक बलवान पूनियां, कांग्रेस प्रदेश सचिव ललित यादव, किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष बलबीर छिल्लर, पूर्व विधायक पवन दुग्गल, पूर्व विधायक अमराराम चौधरी, कामरेड दलीप सिंह, निर्माण मजदूर फेडरेशन के सुखबीर सिंह, राजस्थान निर्माण मजदूर यूनियन (सीटू) के हरेंद्र सिंह, भगवंत सिंह, सीकर जिला भवन निर्माण मजदूर यूनियन के बृज सुंदर जांगिड़, समाजवादी नेता महेंद्र यादव, यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दीनबंधु शर्मा, एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष राकेश चौधरी, खैरथल पार्षद अंकित चौधरी, जीसी एडवोकेट सुरेंद्र मील, एनएफआईडब्ल्यू की राजस्थान प्रदेश महासचिव निशा सिंधू, यूथ कांग्रेस की राजस्थान प्रभारी मंजू भरत तींगर सहित अनेकों नेताओं ने संबोधित किया।
शाहजहांपुर बॉर्डर पर लगातार तेरहवें दिन भी किसान आन्दोलन के समर्थन में पड़ाव जारी रहा,पार्टी के प्रदेश महामंत्री व पूर्व विधायक रामस्वरूप कसाना, प्रदेश प्रवक्ता राजपाल चौधरी, प्रदेश मंत्री विजयपाल बेनीवाल,बीकानेर के जिला अध्यक्ष दानाराम व सीकर के जिला अध्यक्ष महेंद्र डोरवाल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता व किसान मौजूद रहे।
रामपाल जाट बोले- शांति से निकलेगा समाधान
शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन के अगुवा रहे किसान महापंचायत के रामपाल जाट ने आंदोलन में शांति को ही समाधान बताया। जाट ने गांधीवादी तरीके से आंदोलन में बने रहने की बात कही। अगामी रणनीति को लेकर रामपाल जाट ने आठ जनवरी को नौवें दौर की वार्ता को अहम बताते हुए वार्ता के बाद ही कोई कदम उठाने की बात कही। रामपाल जाट ने वार्ता विफल होने पर संयुक्त किसान मोर्चे के साथ होने की बात तो कही लेकिन आंदोलन के हिंसक होने पर शाहजहांपुर बॉर्डर पर ही आंदोलनरत रहकर किसानों की लड़ाई लड़ने की बात कही।
आरएलपी सांसद बेनीवाल का केंद्रीय मंत्रियों को ट्वीट, कहा- बड़ा मन रखते हुए वार्ता में किसानों की मांग पर करे सहमति
आरएलपी के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ,केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को ट्वीट करके किसान आन्दोलन की वार्ता सकारात्मक रूप से करते हुए किसानों की मांगो पर सहमति व्यक्त करने की मांग की,बेनीवाल ने अन्नदाता ठंड में सड़क पर आंदोलित है ऐसे में केंद्र सरकार को बड़ा मन रखने की जरूरत है।
आंदोलन स्थल पर कई संगठनों की महिलाओं का रहा दबदबा
वामपंथी कामगार मजदूर संगठन सीटू की विभिन्न इकाईयों से जुड़ी महिलाएं भिवानी, सीकर, हिसार, झुंझुनूं से गुरुवार को आंदोलन स्थल पर पहुंची। महिलाओं ने जमकर नारेबाजी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं तीनों किसान बिलों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करते हुए मार्च निकाला। आंदोलन स्थल पर दिनभर वामपंथी संगठनों से जुड़ी महिलाएं दिन भर अलग अलग जगहों से आती रही।
9वें दौर की वार्ता आज, आंदोलन की दिशा इसके बाद तय होगी
संयुक्त किसान मोर्चे के नेतृत्व में आंदोलनरत किसान अब आरपार का मन बनाकर बैठे हैं। उनकी नजर शुक्रवार को सरकार से नौवें दौर की वार्ता पर टिकी है। संयोजक योगेंद्र यादव ने बताया कि आज होने वाली वार्ता के बाद ही आगे की योजना पर बात करेंगे। इधर, जाट महासभा पूर्व में ही ऐलान कर चुकी है कि विविध किसान संगठनों के साथ 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराएंगे।
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