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हाईवे संख्या 48 के शाहजहांपुर बॉर्डर पर 26 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन में अब कांग्रेस प्रत्यक्ष रूप से शामिल हो गई है। मंगलवार देर शाम एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ साइकिल रैली के साथ शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंचे थे। वहीं देर रात करीब दो सौ वाहनों के काफिले में अपने 15 सौ से अधिक समर्थकों के साथ खाजूवाला के कांग्रेस विधायक गोविंद राम मेघवाल अपनी जिला पार्षद पुत्री सरिता चौहान के साथ आंदोलन स्थल पहुंचे है।
पूर्व संसदीय सचिव मेघवाल के आंदोलन स्थल पर आने से आंदोलनकारी किसान काफी उत्साहित है। वहीं विधायक मेघवाल स्वयं को किसी पार्टी के सदस्य होने से पहले किसान होने एवं आंदोलन के समर्थन में किसानों का पूर्ण समर्थन करने की बात कह रहे हैं। सभा को संबोधित करते हुए मेघवाल ने मोदी सरकार को पूंजीपतियों का डमरु बताते हुए उनके बजाने पर ही बजने की बात कही।
मेघवाल ने इस बार नहीं तो कभी नहीं का नारा देते हुए कृषि बिलों के निरस्त होने तक बॉर्डर पर डटे रहने की जरूरत बताई। सभा को मेघवाल की पूर्व प्रधान बेटी जिला पार्षद सरिता चौहान ने भी संबोधित किया। बीमारी के चलते एसएमएस अस्पताल में भर्ती किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट बुधवार को आंदोलन स्थल पर पहुंचे। जहां उनका किसान संगठनों ने स्वागत किया।
आंदोलन स्थल पर देशभर के 500 संगठनों के लोग मौजूद
आंदोलन में अब विविध रंग नजर आने लगे है। पहले दिन किसान महापंचायत ने 12 दिसंबर को दिल्ली कूच निर्धारित किया था। महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट का देर रात आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल भी समर्थन करने पहुंचे थे। हरियाणा प्रशासन द्वारा हाईवे संख्या 48 की जयपुर से दिल्ली जाने वाली पोस्ट को जाम कर दिया गया था। 13 दिसंबर को संयुक्त मोर्चे के तत्वावधान में दिल्ली कूच का कार्यक्रम स्वराज पार्टी के संयोजक योगेंद्र यादव एवं पूर्व विधायक अमराराम चौधरी के नेतृत्व में किया गया।
इस मूमेंट को वामपंथी संगठन अखिल भारतीय किसान सभा, सीटूयू, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन, जय किसान आंदोलन सहित अनेकों संगठनों का समर्थन प्राप्त था। लेकिन उन्हें भी हरियाणा पुलिस-प्रशासन द्वारा शाहजहांपुर बॉर्डर पर रोक लिया गया। किसान महापंचायत एवं संयुक्त किसान मोर्चा एवं उनसे जुड़े संगठनों ने हाईवे पर ही तंबू गाड़ दिए।
आंदोलन के कुछ दिनों बाद युवाओं ने दिल्ली कूच का प्रयास किया तो हरियाणा पुलिस-प्रशासन ने जयपुर-दिल्ली पोस्ट को भी लोहे व सीमेंट की बैरिकेड लगाकर हाईवे पूर्णतया जाम कर दिया था। किसान महापंचायत की मानें तो उन्हें 51 संगठनों का समर्थन प्राप्त है। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा 500 से अधिक किसान संगठनों के समर्थन का दावा करता है।
अब आंदोलन में चार मंच
मंगलवार से पहले कांग्रेस आंदोलन को बाहर से समर्थन कर रही थी। कांग्रेस का लगातार लंगर चल रहा था। उनके जन प्रतिनिधि बिना किसी झण्डे के आंदोलन को संयुक्त मोर्चे के मंच से संबोधित करते आए थे। मंगलवार को एनएसयूआई ने मंच लगा अपनी भागीदारी जता दी है।
गोविंद राम मेघवाल के आने पर अब चार मंच हो गए हैं। किसान महापंचायत अपने मंच पर ही संबोधन करती है। जाट महासभा संयुक्त किसान मोर्चे में शामिल है। आरएलपी ने अपना अलग ही अखाड़ा जमा दिया है। अब कांग्रेस भी प्रत्यक्ष रुप से आंदोलन में शामिल होती नजर आ रही है।
इन्होंने किया संबोधित
बुधवार को हुई सभा को जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील, किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष बलबीर छिल्लर, पूर्व विधायक अमराराम चौधरी, पूर्व विधायक पवन दुग्गल, गौरव चौहान प्रधान पूगल, सरपंच खानूराम, निर्माण मजदूर फेडरेशन के सुखबीर सिंह, राजस्थान निर्माण मजदूर यूनियन के हरेंद्र सिंह, भगवंत सिंह, सीकर जिला भवन निर्माण मजदूर यूनियन के बृज सुंदर जांगिड़, समाजवादी नेता महेंद्र यादव, यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दीनबंधु शर्मा, एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष राकेश चौधरी, खैरथल पार्षद अंकित चौधरी, जीसी एडवोकेट सुरेंद्र मील अादि ने संबोधित किया।
कलेक्टर पहुंचे शाहजहांपुर आंदोलन स्थल
अलवर जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया प्रशासनिक अमले सहित आंदोलन स्थल पहुंचे एवं व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान कलेक्टर ने किसान नेता रामपाल जाट की कुशलक्षेम पूछी एवं जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील से मिल व्यवस्थाओं पर चर्चा की। जिला कलेक्टर ने उपस्थित अधिकारियों से बात कर आंदोलनरत किसानों की सुविधाओं सहित स्वास्थ्य संबंधित सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान नीमराणा एसडीएम योगेश देवल, डीएसपी महावीर शेखावत, थाना प्रभारी सुनील जांगिड़, डॉ. गजराज, एईएन गजानंद निभोरिया, जेईएन आशीष जोशी, एईएन विजिलेंस नवीन यादव सहित प्रशासनिक अमला उपस्थित रहा।
मैं एक दो दिन, कार्यकर्ता लंबे समय तक रुकेंगे
खाजुवाला विधायक गोविंद राम मेघवाल ने बताया कि वो आंदोलन स्थल पर एक दो दिन रुकेंगे, लेकिन उनके कार्यकर्ता लंबे समय तक वहीं रहेंगे। आंदोलन में सीधे तौर पर कांग्रेस के शामिल होने के सवाल पर मेघवाल ने कहा कि पहले वो किसान है बाद में विधायक। मेघवाल का कहना था कि वो किसानों के सम्मान में किसान के रूप में यहां आए हैं, विधायक या किसी राजनीतिक दल के सहयोगी के रूप में नहीं।
आरएलपी अलग-थलग, अनशन जारी
आंदोलन में आरएलपी को मात्र किसान महापंचायत के रामपाल जाट का ही समर्थन प्राप्त है। गौरतलब है कि आंदोलन में मात्र किसान महापंचायत ही एक ऐसा संगठन है जो संयुक्त किसान मोर्चे में भी शामिल है एवं आरएलपी के हनुमान बेनीवाल को भी समर्थन करता है। आंदोलन स्थल पर आरएलपी का अनशन जारी है। बुधवार को आरएलपी खेमे में चंद कार्यकर्ता ही नजर आए। बड़े नेता मंच से नदारद दिखाई दिए।
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