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चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 13 अप्रैल को है। इस दिन घर-घर घट स्थापना के साथ चैत्र नवरात्र शुरू हो जाएंगे। जिले के सभी प्रमुख मंदिरों में सप्तशती पाठ और मंत्र जाप होंगे। मंगलवार से आरंभ हो रहे नवरात्र में इस बार मां दुर्गा का आगमन अश्व यानि घोड़े पर होगा। ज्योतिषाचार्य भवानी खंडेलवाल के अनुसार नवरात्र की प्रमुख तिथियों में गणगौर पूजा 15 अप्रैल, दुर्गाष्टमी 20 अप्रैल एवं श्रीरामनवमी 21 अप्रैल को होगी।
नवरात्र के दौरान मांग दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्माचारिणी, चंद्रघंटा,कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की नौ दिन पूजा-अर्चना की जाती है। देवी भागवत पुराण में सप्ताह के सातों दिनों के अनुसार देवी के आगमन का अलग अलग वाहन बताया गया है।
अगर नवरात्र का आरंभ सोमवार या रविवार को हो तो माता हाथी पर, शनिवार और मंगलवार को होने पर मां दुर्गा अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती है। गुरुवार या शुक्रवार को माता डोली पर और बुधवार के दिन नवरात्र पूजा आरंभ होने पर माता नाव पर आरुढ़ होकर आती है।
नवरात्रि की समाप्ति बुधवार को होने पर मांग दुर्गा हाथी पर सवार होकर जाती है तो उस वर्ष वर्षा के अधिक होने का योग बनता है। ज्योतिषियों के अनुसार देवी का अश्व पर आगमन वैसे तो युद्ध का प्रतीक होने से शासन और सत्ता के लिए हानिकारक होता है, लेकिन आद्य शक्ति साधकों के जीवन में अश्व की गति के सामान सफलता प्राप्त मिलती है।
घट स्थापना के लिए शुभ समय
चैत्र नवरात्र की तिथियां
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