कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाओं के बीच मौसमी बीमारियों का असर बढ़ रहा हैं। वहीं मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की परेशानी भी बढ़ती दिख रही हैं। अस्पताल में बायोकेमिस्ट्री डिपार्टमेंट की जांच 20 दिनों से ठप पड़ी हैं। मरीजों को निजी लेबोरेटरी में भटकना पड़ रहा है। जहां मरीजों से बड़ी रकम ऐंठी जा रही हैं।
डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज में हृदय रोग,जोड़ो में दर्द,केल्शियम की कमी से जूझ रहे मरीजों के लिए जरूरी बायोकेमिस्ट्री की कई जांच पिछले 20 दिनों से नहीं हो रही है। दिनभर में करीब 80 से ज्यादा मरीजों को बायोकेमिस्ट्री की जांच के लिए डॉक्टर की ओर से लिखा जाता है। जब मरीज इन जांच की पर्ची को लेकर निःशुल्क जांच केंद्र पर जाता है तो पैथोलॉजी व माइक्रो बायोलॉजी की जांच को छोड़कर बायोकेमिस्ट्री की जांच के लिए मरीज को मना कर दिया जाता है। जांच पर्ची पर एनए मार्क कर दिया जाता है। ऐसे में बायोकेमिस्ट्री की जांच के लिए मरीज प्राइवेट लेबोरेट्री पर भटक रहे हैं।
20 दिनों से मशीनें बंद
बायोकेमिस्ट्री विभाग में पिछले 20 दिनों से मशीनें खराब पड़ी है। इससे अस्पताल में बायोकेमिस्ट्री से जुड़ी सभी जांचें प्रभावित हो रही है। हालांकि जिम्मेदारों का कहना है कि खराब पड़ी मशीनों को ठीक करवाया जा रहा है। पिछले 4 दिनों से टेक्नीशियन मशीन की खराबी को दूर करने के लगे हैं।
शुगर को छोड़ 19 जांच नहीं हो रही
बायोकेमिस्ट्री विभाग में कुल 20 जांच हैं। जिसमें शुगर को छोड़कर सभी 19 जांच नहीं हो रही है। इसमें ब्लड यूरिया, सीरम क्रियोटिनिन, सीरम बिलीरुबिन (टी), सीरम बिलीरुबिन (डी), एसजीओटी, एसजीपीटी, सीरम अल्क फॉस्फेट, सीरम टोटल प्रोटीन, सीरम एल्बुमिन, सीरम केल्शियम, सीरम यूरिक एसिड, सीरम एमाइलेज, सीरम एलडीएच, सीरम सी के- एनएसी, सीरम सी के- एमबी, सीरम ट्राइग्लिसराइड, सीरम टोटल कॉलोस्टोल, सीरम एचडीएल, सीरम वीएलडीएल की जांच है। यह मरीजों में हृदय रोग, रक्त वसा की जांच, गुर्दे की जांच, लीवर की जांच, केल्शियम कमी की जांच, जोड़ों में दर्द की जांच, अग्नाशय की बीमारियों से जुड़ी हुई जांच है।
प्राइवेट लैब में ज्यादा पैसे वसूल रहे
जिला अस्पताल में सभी तरह की जांच फ्री है। ऐसे में मरीजों को इन जांचों का पैसा नहीं लगता है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जांच नहीं होने से मरीज प्राइवेट लैब पर भटक रहे हैं। जहां मरीजों से जांच के नाम पर 500 से एक हजार या उससे ज्यादा की राशि वसूली जा रही हैं।
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