अपनी आवाज से लाखों दिलों पर राज करने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। लता मंगेशकर के राजस्थान के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले से भी गहरा रिश्ता रहा है, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं। लता मंगेशकर और डूंगरपुर राजपरिवार के पूर्व सदस्य व बीसीसीआई के पूर्व चैयरमेन राजसिंह डूंगरपुर के रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं। राजसिंह के कहने पर ही लता मंगेशकर ने डूंगरपुर के सरकारी हॉस्पिटल में 25 लाख रुपये देकर एक हॉल बनवाया था।
बीसीसीआई के पूर्व चैयरमेन दिवंगत राजसिंह डूंगरपुर राजपरिवार के सदस्य थे। राजसिंह क्रिकेट के शौकीन थे और उनकी मुलाकात सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर से हुई। दोनों के बीच गहरे संबंध रहे। राजसिंह डूंगरपुर के कहने पर लता मंगेशकर ने 2007-08 में राज्यसभा सांसद रहते डूंगरपुर हॉस्पिटल में 25 लाख की लागत से एक हॉल बनवाया।
आदिवासी इलाके में मातृ-शिशु कल्याण के लिए यह राशि दी गई थी। शुरुआती समय में इसमें हॉस्पिटल की गायनी ओपीडी चलाई गई, लेकिन अब इस भवन में एआरटी सेंटर चल रहा है। इस हॉल पर लगी अनावरण पट्टिका पर लता मंगेशकर का नाम लिखा हुआ है। वहीं इस हॉल की पहचान लता मंगेशकर के नाम से ही है।
डूंगरपुर राजपरिवार के सदस्य और बीसीसीआई के पूर्व चैयरमैन राजसिंह डूंगरपुर की 12 सितंबर 2009 को मुंबई में निधन हो गया था। इसके बाद राजसिंह के शव को डूंगरपुर लाकर राजपरिवार के सुरपुर स्थित मोक्षधाम पर अंतिम संस्कार किया गया था। कहा जाता है कि राजसिंह के निधन पर लता मंगेशकर एक दिन गुपचुप तरीके से डूंगरपुर आई थीं। सुरपुर मोक्षधाम पर उनकी छतरी पर अंतिम दर्शनों के बाद वह मुंबई लौट गई थी। सुरपुर मोक्ष धाम के आसपास रहने वाले लोगो ने उस समय इसकी पुष्टि की थी। हालांकि इसके बारे में कोई अधिकृत सूचना नहीं दी गई।
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