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मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत के कार्यकाल का लगभग ढाई साल हाे गया है। बुधवार काे मुख्यमंत्री विधानसभा में तीसरा बजट पेश करेंगे। गत बजट में मुख्य तीन बड़ी घाेषणाएं कागजाें से बाहर नहीं निकल पाई हैं। ऐसे में बुधवार काे पेश हाेने वाले बजट से डूंगरपुर जिले काे काफी आशा है। वर्ष 2020 में बजट घाेषणाओं में काेई स्वीकृति जारी नहीं हुई।
सागवाड़ा काॅलेज काे पीजी तक क्रमाेन्नत कर दिया था। इसके बाद आज तक काेई स्टाफ उपलब्ध नहीं कराया गया। जिसके कारण बच्चाें ने प्रवेश भी नहीं लिया। मुख्यमंत्री की ओर से पुनाली में 132 केवी घाेषणा की उम्मीद के चलते मिठाईयां और आतिशबाजी की गई थी। इसके अलावा डूंगरपुर विधि काॅलेज में तकनीकी स्वीकृति जारी हाेने वाली थी। इसमें भी काेई काम नहीं हुआ।
वर्ष 2019 की बजट घाेषणाएं : कोंचिग सेंटर में टीएडी की ओर से फैकल्टी ढूढ़ने के प्रयास शुरू किए गए, मामला सरकारी शिक्षक लगाए या टैंडर कर काम चलाए, में अटका
1 सागवाड़ा में काेचिंग सेंटर के लिए अब तक केवल भवन ही मिला
जिले में प्रतियाेगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं काे मार्गदर्शन देने के लिए मुख्यमंत्री ने 10 जुलाई के पहले बजट में सागवाड़ा में काेचिंग सेंटर खाेलने की बात कही थी। काेचिंग सेंटर की घाेषणा के बाद मिठाईयां खिलाने और आतिशबाजी की गई थी। इसके बाद से मामला कागजाें में चल रहा है। करीब आठ माह बाद दूसरे बजट घाेषणा से पहले जिला प्रशासन काे भवन ढूढ़ने के लिए कहा गया। जिसमें सागवाड़ा काॅलेज में काेचिंग सेंटर चलाने की सहमति मिली।
जिसके लिए यूसीसी और यूनिवर्सिटी लेवल पर आज तक स्वीकृति नहीं मिली हैं। इसके बाद काेई हलचल नहीं हुई। दूसरे बजट की घाेषणा के बाद टीएडी की ओर से फैकल्टी ढूढ़ने के प्रयास शुरू किए गए। जिसमें कभी सरकारी शिक्षक काे लगाने पर चर्चा हुई। कभी उदयपुर टीएडी से टेंडर कर फैकल्टी की बात चली थी। इस पर आज तक काेई सफलता नहीं मिली हैं। जिसके कारण कागजाें में घाेषणा चल रही हैं।
2 बेणेश्वर धाम पर हाईलेवल पुल की डीपीआर दो साल में अब बनी
बेणेश्वर धाम राजस्व रिकाॅर्ड में डूंगरपुर में आता हैं। यह वागड़ का महाकुंभ और दक्षिणी राजस्थान का सबसे बड़ा मेला भरता हैं। जहां पर हर वर्ष माघ महीने में लाखाे लाेग दर्शन के लिए पहुंचते हैं। वहीं बारिश के चार माह में अक्सर टापू में तब्दील हाे जाता हैं। पिछले कई महीनाें से पुल बनाने की मांग चल रही थी।
जिसमें मुख्यमंत्री ने पहले बजट में हाईलेवल पुल बनाने की घाेषणा करते हुए 1 कराेड़ डीपीआर के लिए दिए थे। घाेषणा के बाद विभाग के पास आए आदेश में बिज का निर्माण पहले बांसवाड़ा के गनाेडा से बेणेश्वर टापू पर आने वाले लाेगाे के लिए किया जाएगा। इसके लिए यह घाेषणा डूंगरपुर के संदर्भ में हाेकर बांसवाड़ा की हाेकर रह गई। डीपीआर करीब दाे साल बाद बनकर बागीदाैर विधायक महेंद्रजीतसिंह मालवीया के माध्यम से इसी सप्ताह मुख्यमंत्री काे दी गई हैं।जिसमें बजट में वित्तीय स्वीकृति मिलने की उम्मीद मुश्किल हैं।
3 भीखाभाई नहर काे विकसित करने के लिए बांसवाड़ा के साथ साझा बजट 25 कराेड़ की घोषणा तो कर दी लेकिन वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल सकी
करीब 30 सालाें ने भीखाभाई नहर का निर्माण चल रहा है। इस नहर काे आज तक पूर्ण नहीं किया हैं। ऐसे में पहले बजट ने मुख्यमंत्री ने बांसवाड़ा के साथ साझा करते हुए नहर के लिए 25 कराेड़ देने की घाेषणा की गई थी। जिसके बाद इस पर काेई वित्तीय स्वीकृत नहीं मिली हैं। जिसके कारण डूंगरपुर जिले के हिस्से में आने वाली नहर में काेई हलचल नहीं देखी गई है। जिससे यह घाेषणा भी कागजाें में फंसकर रह गई हैं।
इस बार उम्मीदें ज्यादा
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