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शिक्षकाें के स्थायीकरण में प्रारंभिक शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाहीं सामने आ रही हैं। जहां 600 शिक्षकाें ने नवंबर 2020 में स्थायीकरण के लिए निदेशक के आदेशाें के अनुसार शाला दर्पण पाेर्टल से ऑनलाइन आवेदन किया था। फिर भी 437 शिक्षकाें का स्थाईकरण किया। वहीं 45 बाहरी राज्य के डिग्रीधारी हैं।
इस हिसाब से 482 शिक्षक इस प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। अभी भी 118 शिक्षकाें का स्थायीकरण बाकी चल रहा हैं। स्कूल की लाॅगिन आईडी से स्थायीकरण के आवेदन काे पीईईओ की ओर से वेरिफाइड करने के बाद सीबीईओ की ओर से जांच की गई। इसके बाद आवेदन ऑनलाइन प्रक्रिया से जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कार्यालय पहुंचा। यहां पर लिस्टाें की जांच किए बगैर आनन-फानन में जिला परिषद की समिति की ओर से 437 शिक्षकाें का अनुमाेदन का प्रस्ताव ले लिया गया।
इन शिक्षकाें की लिस्ट की जांच और आपत्ति मांगने के लिए काेई प्रयास नहीं किए। इसके कारण इन शिक्षकाें की लिस्ट में कई शिक्षक के नाम दाेबारा आए। इससे अब वंचित शिक्षकाें के लिए परेशानी खड़ी हाे गई है। विभाग की ओर से ओर से 437 के नाम के अलावा भी करीब 50 से अधिक शिक्षकाें का स्थायीकरण नहीं हाे पाया है। जाे अब डीईओ कार्यालय डूंगरपुर के चक्कर लगा रहे हैं।
आंकडाें में 437 का अनुमाेदन, लिस्ट में डबल नाम ताे शेष बचे शिक्षकाें का क्या : 600 आवेदन में से जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कार्यालय की ओर से 437 शिक्षकाें का अनुमाेदन किया गया। इसमें बाहरी राज्य के 45 शिक्षकाें की सूची बनाई गई हैं। वहीं पुरानी भर्ती के बाहरी राज्य की डिग्री धारियाें काे मिलाकर कुल 81 शिक्षकाें के दस्तावेज सत्यापन हाेंगे।
इसमें मुम्बई की एसएनडीटी की 4, भाेपाल की 38 और जम्मू-कश्मीर की 39 शिक्षक हैं। जिनका दस्तावेज सत्यापन की टीम बनाई गई हैं। इस हिसाब से 600 आवेदन में 45 बाहरी राज्य के आवेदन हाेने के बाद करीब 555 शिक्षकाें के स्थाईकरण के प्रस्ताव भेजने चाहिए थे। फिर भी शिक्षा विभाग की लापरवाहीं के कारण 437 शिक्षकाें के प्रस्ताव भेजे। जिसमें भी कई शिक्षकाें के नाम डबल हैं। जिसकी जांच हाेने के बाद करीब 434 से कम शिक्षकाें का स्थायीकरण हाेगा।
अभी भी बाहरी राज्याें की डिग्रीधारी का स्थायीकरण कर दिया : 600 शिक्षकाें के ऑनलाइन आवेदन के बाद अन्य राज्य की डिग्रीधारी शिक्षकाें की सूची अलग बनानी थी। इससे उनके दस्तावेज या डिग्री सत्यापन हाेने के बाद अनुमाेदन करना था। फिर भी 437 की लिस्ट में अभी भी बाहरी राज्य के डिग्रीधारी शिक्षकाें का नाम लेकर उसे स्थायीकरण कर दिया गया हैं। जिससे कई बाहरी राज्य के डिग्रीधारी शिक्षकाें में राेष व्यक्त हैं।
कुछ शिक्षकाें का दाेनाें लिस्ट में नाम
जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक की ओर से 437 शिक्षकाें के स्थायीकरण का अनुमाेदन लिया था। इसमें जिला परिषद के सीईओ, जिला प्रमुख, एसडीएम और स्वयं डीईओ प्रारंभिक समिति के सदस्य हैं। इन्हें तैयार लिस्ट की जांच किए बगैर बच्चाें के हित में फैसला लेते हुए स्वीकृति देकर अनुमाेदन ले लिया। इस लिस्ट काे दाे चरणाें में निकाला गया।
इसमें पहले चरण की लिस्ट 18 फरवरी काे 203 और 19 फरवरी काे 189 शिक्षकाें के स्थायीकरण की लिस्ट जारी की गई। इसकी पहली सूची में क्रमांक संख्या 136 में राउप्रावि पादरड़ी अहाड़ा में कार्यरत दिव्या राठाैड़ का नाम हैं।
वहीं दूसरी सूची में क्रमांक संख़्या 64 में ये नाम रिपीट हाे रहा हैं। इसी प्रकार पहली सूची में क्रमांक संख्या 1 पर तुलसी कटारा का नाम हैं। राउपा्रवि भिलेवा पंचेला में कार्यरत हैं। इनका नाम दूसरी सूची में 188 में दर्ज हैं। इसी प्रकार राउप्रावि पटली में कार्यरत कवित सुथार का सूची संख्या एक के क्रमांक संख़्या 154 में नाम हैं। वहीं दूसरी सूची में इसका नाम 65 वे क्रमांक में दर्ज हैं। जिसके कारण कई शिक्षकाें के नाम रिपीट किए हुए हैं।
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