आरएससी जवान रमेश लिम्बात की हत्या के मामले में सोमवार शाम 57 घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया। 5 लाख मौताणा राशि तय होने के बाद रविवार को पोस्टमार्टम करवाया गया था। इसके बाद परिजनों ने वापस हंगामा कर दिया और शव को अस्पताल में छोड़कर गांव आ गए। आज सुबह से वापस वार्ता का दौर चला। शाम करीब 3 बजे परिजनों से समझाइश अंतिम संस्कार करवाया गया। फिलहाल पुलिस घटना को लेकर अब भी गांव में डटी हुई है और हर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
गांव में अब भी पुलिस तैनात
बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र के शिशोद गांव के रहने वाले आरएसी जवान रमेश लिम्बात की घर में घुसकर 17 सितंबर की रात को हत्या कर दी थी। इसके बाद परिजन मौताणे की मांग करने लगे। रविवार को 5 लाख के मौताणे पर समझौते के बाद पोस्टमार्टम करवाया गया। इसके बाद परिजनों व ग्रामीणों ने वापस हंगामा खड़ा कर दिया। मौताणे की नगद राशि की मांग करने लगे। एक बारगी तो गांव में तनाव का माहौल बढ़ गया। पुलिस परिजनों से शव के अंतिम संस्कार को लेकर समझाइश करती रही। शव डूंगरपुर जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखा रहा। आज शाम सहमति बनने पर पुलिस और परिजन डूंगरपुर अस्पताल पहुंचे। जहां से परिजनों को शव सौंपा गया। इसके बाद परिजन शव को लेकर शिशोद गांव पहुंचे और अंतिम संस्कार किया गया। बिछीवाड़ा थानाधिकारी रणजीत सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल गांव में तैनात है और निगरानी रखे हुए है।
5 नामजद,10 से 15 आरोपियों पर दर्ज है केस
बिछीवाड़ा पुलिस ने मृतक के छोटे भाई देवीलाल लिम्बात की रिपोर्ट पर शिशोद गांव के ही अंकित अहारी, राहुल गमेती, मयंक अहारी, प्रवीण ढूहा, संजू ढूहा समेत 10 से 15 लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करवाया है। मामले में पुलिस ने अब तक अंकित, राहुल व मयंक को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। वारदात में लिप्त अन्य आरोपी फरार चल रहे है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
आरोपियों की मृतक के बेटे से रंजिश
आरोपी युवक मृतक रमेश लिम्बात के बेटे सचिन पर पिछले साल नेशनल हाइवे 48 पर हुए कांकरी डूंगरी उपद्रव में नाम लिखवाने का शक जता रहे थे। इसे लेकर आरोपियों ने 17 सितंबर को सुबह सचिन को देख लेने की धमकी दी थी। उसी दिन रात के समय आरोपियों ने सचिन ओर उसके परिवार पर हमला कर दिया। आरोपियों ने सचिन के पिता आरएसी जवान रमेश की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। परिवार के अन्य लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई थी।
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