जंगल की जमीन पर अधिकार जमाने के लिए दो पक्षों में खूनी संघर्ष का मामला सामने आया है। वारदात में एक पक्ष के पांच लोग लहूलुहान हो गए। दरअसल, एक परिवार के कुछ लोग जंगल की जमीन पर मवेशियों के लिए घास काट रहे थे। तभी दूसरे पक्ष ने जंगल की जमीन पर खुद का कब्जा बताते हुए लट्ठ और हथियारों से हमला बोल दिया। घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया गया तो पीछे से हमलावरों ने पीड़ित परिवार के मकान में आग लगा दी। पूरा मकान धूं-धूं कर जल गया। खास बात है कि विवाद वाली पूरी जमीन वन विभाग की है। जिस पर अवैध कब्जे हो रखे हैं। पहाड़ी हिस्से पर इन परिवारों की ओर से रहने के अवैध ठिकाने बनाए हुए हैं। मामला बांसवाड़ा के तांबेसरा पुलिस चौकी क्षेत्र का है।
चौकी प्रभारी ASI राजेश कुमार ने बताया कि मौके पर विवाद की सूचना पर वे जाप्ता लेकर गए थे। यहां एक पक्ष के नई आबादी नया गांव निवासी बाबू (60) पुत्र छगन भूरिया, सुभाष पुत्र बाबू, पारू पुत्र छगन, बहादूर पुत्र बाबू, वाला पुत्र बाबू के गंभीर चोटें आई हैं, जिन्हें परिवार ने जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया। परिवार ने बताया कि इन घायलों के अलावा , पॉजी पत्नी पारू और दौला पुत्र छगन के भी चोटें आई हैं। दूसरी ओर आरोपी हमलावरों के परिवार ने बाबू भूरिया के मकान को आग लगा दी। देर शाम आग से मकान धूं-धूं कर जल गया। वहीं पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने मवेशियों को बांधने वाला बाड़ा जलाया है। रात तक पुलिस को दोनों पक्षों की ओर से किसी तरह की शिकायत नहीं मिली। पुलिस ने रात तक मौके पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के प्रयास किए।
वन विभाग की खुली जमीन
पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों में वनविभाग की खुली जमीन के कब्जे को लेकर विवाद हुआ था। यहां विभाग की जमीन पर ढेर सारे कब्जे हो रखे हैं। वारदात से प्रभावित पक्ष का मकान वारदात स्थल से करीब 1KM है, जबकि आरोपी पक्ष का रिहायशी मकान वारदात स्थल से करीब 2.5 KM है। पीड़ित परिवार की ओर से वारदात में 12 जनों की ओर से हमला करने की बात कही गई है। वहीं आरोपियों को शराब के नशे में धुत होने की जानकारी दी गई है। फिलहाल घायलों का उपचार जारी है।
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