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  • 176 On Construction In 10 Years, 319 Crores Spent On Compensation, Loss Of 50 Crores Due To Stoppage Of Work For 4 Years, Cost Will Increase By 2606 Crores Till Work Starts

डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल प्रोजेक्ट:10 साल में निर्माण पर 176, मुआवजे पर 319 करोड़ खर्च, 4 साल से काम रुका- 50 करोड़ का नुकसान, शुरू होने तक लागत 2606 करोड़ बढ़ेगी

बांसवाड़ा2 वर्ष पहलेलेखक: विश्वजीत गोले
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झुपेल में ट्रैक का काम बंद, अब यहां रेल-रेल खेलते हैं बच्चे - Dainik Bhaskar
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  • 4 साल बाद चर्चा में आए डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल प्रोजेक्ट में अब तक हुए काम और उनकी जमीनी हकीकत जानिए भास्कर में

डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम नई रेल लाइन परियोजना पर फिर से काम शुरू होने की उम्मीदें जगना शुरू हो गई है। राजस्थान सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद उत्तर पश्चिम रेलवे ने एक बार फिर इस पर काम शुरू कर दिया है। वर्ष 2011 में इस परियोजना का कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शिलान्यास किया था।

इसके बाद इस परियोजना पर बजट न मिलने के काले बादल छा गए। 2017 में राजस्थान सरकार के बजट देने से मना करने पर रेलवे बोर्ड ने चार साल पहले परियोजना को फ्रीज कर दिया था। 2019 में बैंक से कर्ज लेने के लिए एबिलिटी सर्वे हुआ लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद रेलवे ने सैलाना यार्ड स्थित उपमुख्य अभियंता (निर्माण) के स्टाफ को शिफ्ट कर ताला लगा दिया था।

शिलान्यास के समय परियोजना की लागत 2082 करोड़ रुपए थी, 2019 में रिवाइज एस्टीमेट में 4262 करोड़ पहुंच गई। सरकार अभी तक इस परियोजना पर सिर्फ निर्माण कार्यों पर 176.83 करोड़ एवं अवाप्त भूमि के बदले 319.39 करोड़ रुपए वितरित किए गए। 176.83 करोड़ रुपए में डूंगरपुर, बांसवाड़ा में अवाप्त भूमि पर आरओबी, आरयूबी व पुलों के स्ट्रक्चर खड़े किए गए थे।

वर्षों बाद फिर से शुरू हो रही परियोजना को देखते हुए दैनिक भास्कर अवाप्त हो चुकी भूमि पर खड़े किए गए स्ट्रक्चरों की स्थिति देखने के लिए गांव में पहुंचा। अधिकांश स्ट्रक्चर खड़े मिले लेकिन इनकी हालत काफी खस्ता हो चुकी है। कई स्ट्रक्चरों पर तो कब्जे कर लिए हैं तो कई के किनारों से मिट्टी निकलने से कमजोर हो चुके हैं। अवाप्त भूमि पर कब्जे हो चुके हैं।

स्ट्रक्चरों का काफी नुकसान पहुंच चुका है। अब तक करीब 50 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आनंद प्रकाश द्वारा टीम के साथ गत दिनों रतलाम से डूंगरपुर तक भौतिक निरीक्षण किया गया।

जो प्रोजेक्ट 2082 करोड़ रुपए का था वो 2019 में 4262 करोड़ का हो गया, अब काम शुरू होता है तो 10 फीसदी लागत बढ़ेगी

यह होगा फायदा: डूंगरपुर, बांसवाड़ा वाया अहमदाबाद होकर मुंबई से और जयपुर होकर दिल्ली से जुड़ जाएंगे
डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल परियोजना के पूरा होने से सबसे बड़ा फायदा यहां के आदिवासियों को होगा। ट्रेन के माध्यम से उनकी कनेक्टिविटी दिल्ली व मुंबई से हो जाएगी। वाया अहमदाबाद होकर मुंबई से जुड़ेगा और वाया जयपुर होकर दिल्ली से। अभी डूंगरपुर, बांसवाड़ा व रतलाम क्षेत्र के आदिवासी आपस में बस मार्ग से जुड़े हैं।

नई लाइन चालू होने से नई यात्री गाड़ी चल सकेगी। बांसवाड़ा को थर्मल प्लांट के कोयला की रैक आसानी से मिलना शुुरु हो जाएगी। डूंगरपुर, बांसवाड़ा व रतलाम के आदिवासी लोग एकदूसरे के ज्यादा करीब हो जाएंगे तथा यहां के हस्तशिल्प, खनिज संपदा, व्यापार को बढ़ावा मिलने के साथ ही इससे जुड़े कारोबार और रोजगार की संभावना बढ़ेगी। राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश में कपड़ा, ऊर्जा उद्योग सहित अन्य इकाइयों की स्थापना में तेजी आएगी।

डूंगरपुर-बांसवाड़ा और रतलाम में यह काम हो चुका है
तहसील डूंगरपुर में तिजवड़, भैखला आदि गांवों में भूमि अवाप्त हो गई है। सागवाड़ा तहसील क्षेत्र की भूमि अवाप्त नहीं हुई है। डूंगरपुर तहसील क्षेत्र में ट्रेक बिछाने के लिए आरओबी, आरयूबी और छोटे ब्रिजों का स्ट्रक्चर खड़ा हो गया है। बांसवाड़ा में भी जहां-जहां भूमि अवाप्त हो गई, वहां बड़े ब्रिज, आरओबी व आरयूबी के स्ट्रक्चर खड़े कर दिए। पहाडिय़ों को काटकर ट्रेक बिछाने का काम होना बाकी है। रतलाम जिले में गुड़भेड़ी, फतेहपुरिया, पाटड़ी, सैलाना व शिवगढ़ भी आरओबी, आरयूबी व कुछ छोटे पुलों के स्ट्रक्चर खड़े हो गए थे।

नॉलेज: जानिए बांसवाड़ा रेल प्रोजेक्ट के बारे में सब कुछ

  • 191.74 किमी डूंगरपुर-रतलाम वाया बांसवाड़ा रेल परियोजना की कुल लंबाई, इसमें 142.85 किमी राजस्थान और 49.15 किमी मध्यप्रदेश के हिस्से में बिछना है।
  • 192 किमी रेल लाइन में ब्रिज 260 से ज्यादा, इनमें 59 रोड ओवर ब्रिज (आरओबी), 149 रोड अंडर ब्रिज और 52 से ज्यादा छोटी पुलिया बनेंनी।
  • 2082.75 करोड़ रुपए लागत 2011 में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा शिलान्यास के समय थी।
  • 4262 करोड़ रुपए लागत हो गई 2017-18 में रिवाइज एस्टीमेट में, राजस्थान की भाजपा सरकार ने बजट देने से मना कर दिया।
  • 2019 में सरकार ने एबिलिटी सर्वे कराया लेकिन बात नहीं बनी और परियोजना पूरी तरह से बंद हो गई।
  • 2019 में ही रेलवे ने परियोजना फ्रीज कर रतलाम सैलाना में उपमुख्य अभियंता कार्यालय को बंद कर दिया।

192 किमी में 18 रेलवे स्टेशन प्रस्तावित
रतलाम के पलसोड़ी, शिवगढ़, चंद्राबेड़दा, सैराअलका खेड़ा, छोटी सरवन, अरबीथ खेडवी, कुंडला खुर्द, बांसवाड़ा, मतीरा, बजवाना, गढ़ी, परतापुर, भीलूड़ा, सागवाड़ा, जोधपुरा, टामटिया, नवागांव, मनपुर में बनना प्रस्तावित है। इसमें रतलाम स्टेशन व डूंगरपुर स्टेशन भवन पूर्व से ही बनकर तैयार है।

इसलिए काम बंद हुआ : 2011 में 50% राशि का एमओयू, 2019 में टूट गया
रेल मंत्रालय और राजस्थान सरकार के मध्य 31 मई 2011 को एमओयू संपादित हुआ था, जिसके अनुसार मध्यप्रदेश में आने वाली भूमि को छोड़कर संपूर्ण लागत का 50 प्रतिशत व्यय राज्य सरकार एवं 50 प्रतिशत रेलवे द्वारा वहन किया जाना तय हुआ था। लेकिन 2019 में जब एस्टीमेट रिवाइज हुआ तो राज्य सरकार अपना हिस्सा देने से मुकर गई।

परियोजना के लिए कुल 1712 हैक्टेयर भूमि अवाप्त होनी है। जिसमें राजस्थान में कुल 1282 एवं मध्यप्रदेश की 450 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है। इसमें डूंगरपुर शहर, बांसवाड़ा शहर व आबापुरा के आसपास की भूमि को अवाप्त भी कर लिया गया।

अवाप्त भूमि पर आरओबी, आरयूबी व ब्रिज के स्ट्रक्चर खड़े करने में 31 मार्च 2017 तक रेलवे निर्माण विभाग 176.83 करोड़ एवं अवाप्त भूमि की 80 प्रतिशत निविदत्त राशि 319.39 करोड़ रुपए वितरित किए गए।

बांसवाड़ा तहसील के 10 गांवों के जमीन के अवार्ड होना बाकी थे
डूंगरपुर रेलवे स्टेशन से लेकर बांसवाड़ा में मध्यप्रदेश की सीमा तक कुल 142.85 किमी तथा 49.15 किमी मध्यप्रदेश के हिस्से में रेल लाइन बिछना है। डूंगरपुर व बांसवाड़ा जिले में छोटी सरवन तक कुल 99 गांव की 1282 हैक्टेयर जमीन आ रही है।

इस जमीन को अवाप्त करने के लिए कुल अवार्ड राशि 1 अरब 54 करोड़ 26 लाख 14 हजार 689 रुपए में से निविदत्त राशि 31 करोड़ 93 लाख 97 हजार 430 रुपए का ही भुगतान किया गया है। इसमें डूंगरपुर के लिए स्वीकृत निविदत्त राशि 23 करोड़ 73 लाख 19 हजार 55 रुपए तथा बांसवाड़ा के लिए 8 करोड़ 20 लाख 78 हजार 375 रुपए का भुगतान जारी किया गया है।

अभी डूंगरपुर जिले की तहसील सागवाड़ा के 18 गांव एवं जिला बांसवाड़ा तहसील के 12 गांव, कुल 30 गांवों के अवार्ड जारी होना शेष है। तहसील डूंगरपुर के 2 गांव, बांसवाड़ा तहसील के 10 गांवों के अवार्ड राज्य सरकार के स्तर पर अनुमोदन से शेष है।