पुलिस लाइन में चार दिन पहले महिला मजदूर की बेटी को काटने वाले बंदर ने सोमवार को खांदू कॉलोनी पुलिस चौकी में घुसकर जवान के पैर पर काट लिया। जवान जब तक कुछ समझता बंदर वहां से भाग चुका था। शोर मचाने पर दूसरा स्टाफ वहां दौड़ा और घायल जवान को जिला अस्पताल लेकर आए, जहां पर पैर में चार टांके लिए गए। एक ही इलाके में बंदर की दूसरी वारदात के बाद अब पुलिस चिंता है। अब इसकी सूचना वनविभाग को देकर बंदर को पकड़वावने के प्रयास किए जाएंगे।
दरअसल, खांदू कॉलोनी चौकी में पुलिस जवान शंकर (47) पुत्र गलियाजी पारगी मुख्य दरवाजे पर टेबल पर बैठकर काम कर रहा था। तभी चौकी में पीछे की ओर से आए बंदर ने एकाएक पुलिस जवान का पैर पकड़ लिया। उसने पैर में काटकर जवान को लहूलुहान कर दिया। वारदात के समय चौकी इंचार्ज जगदीश चंद्र और जवान विशाल सिंह भी मौजूद थे। जवान का शोर सुनकर सभी एक साथ बंदर की ओर दौड़े। ये देख बंदर वहां से भाग गया। शंकर पारगी ने करीब 11 महीने पहले खांदू कॉलोनी चौकी ज्वॉइन की थी।
घास काट रही मजदूर की बेटी को काटा था
जानकारी पर पता चला कि रिजर्व पुलिस लाइन परिसर में ही खांदू कॉलोनी पुलिस चौकी है। इस पुलिस लाइन में चार दिन पहले एक महिला मजदूर घास काट रही थी। उसके साथ उसकी बच्ची भी थी। तब भी इसी बंदर ने वहां बच्ची पर हमला कर उसके पैर में काट लिया था।
वन्य जीव की सूची में नहीं आता बंदर
उप वन संरक्षक जिग्नेश शर्मा एवं एसीएफ सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि बंदर वन्य जीवों की श्रेणी में नहीं आते। इसलिए पागल (वॉइलेंट) हो चुके बंदरों को पकड़ने का काम नगरीय क्षेत्र में नगर परिषद के जिम्मे होता है। इसी तरह ग्रामीण इलाकों में ये जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की होती है। रेस्क्यू कर ऐसे बंदरों को या तो दूर जंगल में छोड़ दिया जाता है। खतरनाक होने की स्थिति में जिला प्रशासन से स्वीकृति लेकर ऐसे बंदर को मार भी दिया जाता है।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.