बांसवाड़ा जिले में 108 एंबुलेंस में डीजल खत्म होने से मरीज की हुई मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। तीन दिन पुराने मामले में चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी हकीकत जानने के लिए मृतक के दामाद के घर पहुंच गए हैं। हालांकि, टीम को मौके पर दामाद और मृतक की बेटी मौके पर नहीं मिली। मौत के बाद बेटी पिता के घर प्रतापगढ़ में है, जबकि दामाद REET की पढ़ाई को लेकर यहां बांसवाड़ा आ चुका है। दामाद ने टीम रवानगी की सूचना पर गांव पहुंचने की बात जरूर कही है। फिलहाल बांसवाड़ा CMHO डॉ. हीरालाल ताबीयार, RCHO डॉ. गणेश मईड़ा, महात्मा गांधी जिला अस्पताल के PMO डॉ. खुशपाल सिंह की टीम दानपुर थाने के भानपुरा गांव पहुंची। वहीं विभाग के जोइंट डायरेक्टर (उदयपुर) भी जांच के लिए बांसवाड़ा पहुंच रहे हैं। चार जनों की ये कमेटी रिपोर्ट बनाकर निदेशालय को भेजेगी। इधर गरमाए हुए मुद्दे को लेकर बांसवाड़ा SDM प्रकाशचंद्र रैगर भी जांच के लिए मौके पर पहुंचे। इससे पहले दैनिक भास्कर की ओर से उठाए गए मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए निदेशालय ने पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। बता दें कि 23 नवम्बर को भानपुरा गांव से एक मरीज को जिला अस्पताल पहुंचाते समय एंबुलेंस के खराब होने के कारण मरीज की बीच रास्ते में मौत हो गई थी।
एक टीम प्रतापगढ़ से मृतक के घर पहुंची
इधर, मौत के मामले को लेकर प्रतापगढ़ चिकित्सा विभाग की एक टीम सूरजपुरा (सेमलिया) जिला प्रतापगढ़ निवासी मृतक तेजिया गणावा (40) के घर पहुंची। वहां पर टीम की ओर से मृतक की पुरानी बीमारी से जुड़ी हिस्ट्री तलाशने के प्रयास किए जा रहे हैं। जैसे कि वे कबसे बीमार थे। उसको कौन-कौन सी बीमारियां थीं। वह बीमारी के दौरान किस तरह से जीवन यापन कर रहा था। हालांकि, परिवार में अभी रोना पीटना चल रहा है।
दामाद उसकी बाइक से लेकर आया था डीजल
एक तरफ 108 एंबुलेंस के जोनल हेड राघवेंद्र का कहना था कि एंबुलेंस पायलेट ने पेशेंट के परिजनों को डीजल लेने के लिए नहीं भेजा था। जबकि, जांच दल के सामने पीड़ित परिवार ने कहा कि जिला अस्पताल से करीब 5 KM पहले एंबुलेंस खराब हुई थी। उस समय दामाद मुकेश मईड़ा बाइक से एंबुलेंस के साथ चल रहा था। तभी एंबुलेंस में डीजल खत्म होने की जानकारी मिली। इसके बाद एंबुलेंस के पायलेट ने जेब से 5 सौ रुपए दिए थे। तब मुकेश पंप से डीजल लेकर वापस आया था। विभाग ने इस बिन्दु को रिकॉर्ड किया।
टीम घोड़ी तेजपुर PHC भी पहुंची
टीम मृतक की तत्कालीन स्थिति का सच जानने के लिए घोड़ी तेजपुर PHC भी पहुंची, जहां ECG मशीन के अभाव में मरीज को छोटी सरवन CHC रैफर किया गया था, लेकिन परिवार उसे CHC ले जाने की बजाय सीधे जिला अस्पताल ले गया था। सूत्रों के अनुसार टीम की ओर से युवक के घोड़ी तेजपुर में ही मरे हुए होने की बातें की जा रही थी, लेकिन स्टाफ की ओर से इस बारे में कुछ भी स्प्ष्ट नहीं किया गया।
SDM भी पहुंचे सुध लेने
इधर, एंबुलेंस में हुई मौत का मामला प्रशासन के लिए भी गलफांस बन गया है। मामले में बांसवाड़ा SDM प्रकाशचंद्र रैगर के साथ दूसरे प्रशासनिक अधिकारी भी मृतक के दामाद के घर जांच के लिए पहुंचे। वहां से आवश्यक जानकारी जुटाने के प्रयास किए। पूछा कि युवक को पहले से कोई बीमारी थी। कोई ऑपरेशन हुआ था। जवाब में परिवार ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं था। वह खेत पर जाने के दौरान एकदम से गिर गए थे।
SDM के गार्ड ने छीना मोबाइल, डिलिट कराया वीडियो
पीड़ित मुकेश मईड़ा का आरोप है कि SDM रैगर की पूछताछ के समय उसका छोटा भाई कांतिलाल वीडियो बना रहा था। तब वहां मौजूद तहसीलदार ने वीडियो बनाने से मना किया। इसके बाद SDM के सुरक्षा गार्ड ने कांतिलाल से मोबाइल छीन लिया और उसमें बनाया हुआ वीडियो डिलीट करा दिया।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया: कांग्रेस ही हालत भी एंबुलेंस जैसी
सीकर में एक कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान में केवल एंबुलेंस की हालत खराब नहीं है। कांग्रेस की हालत भी एंबुलेंस जैसी है। वो धक्के से ही चल रही है। एंबुलेंस के धक्के लगाने से मरीज की मौत हो गई तो इस धक्के वाली सरकार की मौत कब हो जाए। कोई नहीं कह सकता।
मौके पर जा रहे हैं जानकारी जुटाने
इधर, CMHO डॉ. ताबीयार ने कहा कि वह टीम के साथियों के साथ मौके पर रवाना हो चुके हैं, जो भी सच सामने आएगा उसकी रिपोर्ट निदेशालय को देंगे। खबर के हिसाब से गलती एंबुलेंस संचालक की दिख रही है, जो भी होगा। उससे उच्चाधिकारियों को अवगत कराएंगे।
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