पत्नी और बेटी के चरित्र पर लांछन लगाकर उन्हें घर से निकालने की घटना सामने आई है। मामला बांसवाड़ा के सज्जनगढ़ थाना क्षेत्र के घोरवाड़ा का है। सिरफिरे पति ने शादी के सात साल बाद यह लांछन लगाकर दोनों को बेघर किया है।
सिरफिरे युवक ने कहा, 3 लड़के-लड़कियों में पहली बेटी उसकी नहीं
आरोपी ने पत्नी को यह कहते हुए घर से बाहर कर दिया कि 3 लड़के-लड़कियों में पहली बेटी उसकी नहीं है। वह किसी ओर से जन्मी है। शादी के इतने साल बाद पति में परिवर्तन देख खुद पत्नी भी हैरान है। अभी पीड़िता उसी बेटी के साथ पीहर में पिता के घर रहने को मजबूर है। इसके अलावा एक लड़का और एक लड़की उसके पति के साथ ससुराल में है।
घर में वापस रखने के लिए पति, ससुर और ननद मांग रहे दहेज
पीड़िता का आरोप है कि वह उस पर लांछन ही नहीं लगाता है बल्कि उसे वापस घर रखने के लिए दहेज भी मांगता है। पति के अलावा ससुर लालसिंह, सास श्यामा, ननद बंदी भी उसे दहेज लाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। मामले की जांच सज्जनगढ़ थाने के हेड कांस्टेबल कन्हैयालाल कर रहे हैं।
8 महीने पहले पति के बर्ताव में अचानक आया बदलाव
बियापाड़ा निवासी रकीला पुत्र राजहेंग मुनिया का करीब 7 साल पहले घोरवाड़ा निवासी दिनेश पुत्र लालसिंह डामोर के साथ सामाजिक रीति-रिवाज से विवाह हुआ था। पीड़िता रकीला ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि पति से उसके तीन संतान हुई। इसमें दो लड़की और एक लड़का है। करीब 8 महीने पहले दिनेश के व्यवहार में अचानक से बदलाव देखने को मिला। वह कहने लगा कि बड़ी लड़की उसकी बेटी नहीं है। वह किसी ओर की है। करीब 7 महीने बाद पति ने उसे घर से निकाल दिया। अब घर पर वापस रखने के लिए आरोपी पति उससे दहेज मांग रहा है।
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