कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते फिलहाल स्कूल खुलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई ही कराई जा रही है। वर्तमान दौर में बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल देना अभिभावकों की मजबूरी है। इस कारण से साइबर सुरक्षा व शिक्षा की ज्यादा महसूस की जा रही है। विद्यार्थियों को अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं होता है और इसी अज्ञानता के चलते कई बार वे साइबर क्राइम के जाल में फंस जाते हैं। इसके मद्देनजर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने छात्र-छात्राओं को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए विद्यार्थी प्रशिक्षण पुस्तिका जारी की है।
इस पुस्तिका की सहायता से शिक्षक ऑनलाइन सुरक्षा के सत्र संचालित कर सकेंगे। इन सत्रों के जरिए विद्यार्थियों को ऑनलाइन सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं जैसे उपकरणों की सुरक्षा, फोन व ऑनलाइन घोटालों से सावधानी, सोशल मीडिया शिष्टाचार के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। जिम्मेदार नेटीजन बनाया जाएगा। इंटरनेट का उपयोग करने वाला व्यक्ति नेटीजन कहलाता है।
प्रशिक्षण के जरिए इन खतरों को समझ सकेंगे विद्यार्थी
> साइबर बुलिंग : इसमें इंटरनेट या मोबाइल टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके घटिया, तकलीफदेह संदेश या ईमेल भेजकर जानबूझकर तंग करना। > साइबर ग्रूमिंग : हैकर फर्जी अकाउंट बनाकर बच्चों को फंसाते हैं। शोषण के उद्देश्य से विद्यार्थियों को लालच दे भावनात्मक संबंध बनाना। > साइबर स्टॉकिंग : इसका मतलब इलेक्ट्रॉनिक साधनों द्वारा किसी व्यक्ति पर निगरानी रखना। एक बच्चे की साइबर स्टॉकिंग उसका यौन उत्पीड़न करने के इरादों से की जाती है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.