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गुजरात में शराब बंदी है लेकिन आपकाे जानकर हैरानी हाेगी कि इसकी सीमा से लगती बांसवाड़ा की सरकारी ठेके की दुकान पर रिकाॅर्ड शराब की बिक्री हाेती है। यहां बाॅर्डर से महज 500 मीटर दूर माेनाडूंगर की शराब दुकान से साल 2020-21 में 1.16 कराेड़ का राजस्व मिला था। वहीं नई आबकारी के बाद इससे रिकाॅर्ड 12.60 कराेड़ का राजस्व मिलने की उम्मीद है।
माेनाडूंगर के बाद गांगड़तलाई दुकान का सबसे ज्यादा 11 कराेड़ 14 लाख न्यूनतम रिजर्व प्राइस तय किया गया है। यह दाेनाें दुकानें प्रदेश की सबसे महंगी बिकने वाली दुकानाें में शामिल है। गुजरात सीमा के नजदीक ही चार अन्य सरकारी ठेके की दुकानें भी है। एक और राेचक बात यह है कि पड़ाैसी डूंगरपुर में भी गुजरात सीमा से लगती खजूरी गांव में शराब दुकान प्रदेश की सबसे महंगी दुकान है। यहां साल में 27 से 28 कराेड़ की शराब बिकती है। इसके पीछे वजह यह है कि गुजरात में शराबबंदी है।
इस वजह से वहां शराब के शाैकीन बाॅर्डर से लगती इन्हीं दुकानाें पर आते है। गुजरात के पर्यटकाें पर राजस्थान की इन दुकानाें का ज्यादातर राजस्व निर्भर करता है। बांसवाड़ा में पिछले साल 195 कराेड़ का लक्ष्य तय किया था। जिसके मुकाबले अब तक 95 कराेड़ की राजस्व प्राप्ति हुई है। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 की नई आबकारी नीति में बआकारी के जरिए प्रदेश में राजस्व का लक्ष्य 13 हजार कराेड़ रुपए का तय किया है। शराब दुकान की संख्या काे यथावत रखा है।
इस बार अधिकतम बाेली लगाने वाले व्यक्ति काे अधिकृत सरकारी शराब दुकान का आवंटन किया जाएगा। इसलिए इस बार सिर्फ शराब दुकान के लिए आवेदन करने के लिए भाग्य काम नहीं आएगा क्याेंकि ई-ऑक्शन हाेने के कारण वहीं व्यक्ति भाग लेगा जाे बाेली में शामिल हाेकर शराब दुकान काे गंभीरता से खरीदना चाहेगा। सबसे खास बात यह है कि प्रदेश में सबसे महंगी दुकानाें में शामिल डूंगरपुर और बांसवाड़ा की बाेली काे लेकर विभाग में उत्सुकता है। यह ठेके गुजरात बाॅर्डर से जुड़े हाेने के कारण सबकी नजर है।
मोनाडूंगर का ठेका पिछली बार 1.16 करोड़ में हुआ था, इस बार बेस प्राइस 11 गुना ज्यादा
माेनाडूंगर सरकारी ठेके की दुकान गुजरात सीमा से 500 मीटर दूरी पर है जाेकि, पिछले साल 1.16 कराेड़ में बिकी। इसी प्रकार कसारवाड़ी दुकान 47.54 लाख, छाेटा डूंगरा 55.99 लाख, कसारवाड़ी 47.54 लाख, आनंदपुरी 47.89 लाख में बिकी। यह दुकानें गुजरात सीमा से अधिकतम 8 से 10 किमी की दूरी पर है। वहीं दानपुर में देसी शराब (गारंटी) दुकान भी 1.7 कराेड़ में बिकी थी। इस बार भी दुकानाें की संख्या काे यथावत रखा गया है। जिसके तहत जिले में 38 ठेके की दुकानें और 10 अतिरिक्त काउंटर लगेंगे।
इस बार लाॅटरी व्यवस्था नहीं, ई-नीलामी में जिसकी सबसे अधिक बाेली, दुकान उसके नाम होगी
दरअसल, सरकारी शराब की दुकानों के लिए रजिस्ट्रेशन 12 फरवरी से शुरू हाे गए हैं। 23 से 27 फ़रवरी तक कुल पांच चरणों में शराब की 48 दुकानों के लिए ई-नीलामी हाेगी। जाे सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक हाेगी। 50 लाख रुपए तक न्यूनतम रिजर्व प्राइज वाली दुकानों के लिए 40 हजार रुपए आवेदन शुल्क व 50 हजार रुपए अमानत राशि, 50 लाख से 2 करोड़ तक की न्यूनतम रिजर्व प्राइज वाली दुकानों के लिए 50 हजार रुपए आवेदन शुल्क व एक लाख रुपए अमानत राशि, 2 करोड़ रुपए से अधिक की रिजर्व प्राइज वाली दुकानों के लिए 60 हजार रुपए आवेदन शुल्क व 2 लाख रुपए अमानत राशि है।
शराब की दुकानों के ई-नीलामी में एक व्यक्ति जिले में अधिकतम दो दुकान और राज्य में पांच दुकानें ले सकता है। ई-नीलामी के लिए बाेलीदाता काे एमएसटीसी लिमिटेड की वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण करना हाेगा।
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