बगैर शादी के एक युवक के साथ रहने वाली बेटी का उसके पिता ने ही अपहरण कर लिया। बेटी उसके कथित पति और ससुराल वालों के खिलाफ दर्ज मामले में बयान देने के लिए थाने गई थी, जहां उसने युवक के फेवर में बयान दिए। इसके बाद ससुराल लौटते समय उसके पिता और करीब 30 जने बाइक और चार पहिया वाहन से उनका रास्ता रोक लिया। आरोपियों ने कथित पति के साथ मारपीट की और उसके कपड़े फाड़ दिए। साथ ही लड़की को साथ उठा ले गए। मामला सज्जनगढ़ थाने का है।
थानाधिकारी SI धनपसिंह ने बताया कि बालासिंदुर निवासी विनोद डोडियार ने रिपोर्ट दी है। बताया कि 28 जून की दोपहर को वह उसकी पत्नी पिंकी के साथ बयान देने थाने पर आया था। इसके बाद वह पत्नी और करीब 5 लोगों के साथ बोलेरो गाड़ी से घर लौट रहा था। तभी शक्करपाड़ा बाइपास पर लड़की के पिता रामसिंह गरासिया, भाई हरीश गरासिया, मां कंकू एवं करीब 30 जनों ने बाइक से रास्ता रोक लिया। इसके बाद गाड़ी के पीछे एक टावेरा लगा दी। बदमाशों ने मारपीट की और उसकी पत्नी पिंकी को उठा ले गए।
साथ में पढ़ाई करते हुए हुआ प्यार
पीड़ित विनोद ने बताया कि साथ में पढ़ाई करते हुए उसे पिंकी से प्यार हुआ था। रिश्ते आगे बढ़ाते हुए दोनों शादी करना चाहते थे। लेकिन, पिंकी का भाई हरीश विनोद के बाबा भेमजी की लड़की को नातरे (विवाह) ले गया था, जिसका सामाजिक स्तर पर समझौता नहीं हुआ है। इस कारण आरोपी ससुर रामसिंह उसकी बेटी का विवाह विनोद से नहीं कराना चाहता था।
घरवाले राजी नहीं हुए तो पिंकी ने घर छोड़ा
विनोद ने बताया कि पिंकी का परिवार रिश्ते को राजी नहीं हुआ। इस पर पिंकी उसका घर छोड़कर उसके घर आ गई। पिंकी ने विनोद को उसका पति मान लिया। इसके बाद वह करीब 24 दिन उसके साथ भी रही। विनोद ने बताया कि अघोषित शादी के बाद पिंकी और वह दोनों उसकी बहन काली के घर भूराकुआं गए थे। वहां से आरोपी यानी लड़की का पिता जबरदस्ती पिंकी को उठा ले गया। इसके बाद लड़की पर दबाव बनाकर परिवार ने विनोद और उसके परिवार के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई। लेकिन, 16 जून को पिंकी उसके पीहर वालों से बचते हुए उसके घर लौट आई। पिंकी के परिवार ने उससे बांसवाड़ा SP को परिवाद दिलाया था, जिसके थाने में बयान होने थे। इसके बाद ये वारदात हुई।
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