मंदिर जीर्णोद्धार में लगी ठेका एजेंसी काम बीच में छोड़कर गायब हो गई। खास सामान की खरीदी के लिए ठेकेदार ने मंदिर ट्रस्ट से 26 लाख रुपए लिए और रफूचक्कर हो गया। इसके चलते करीब 3 साल से मंदिर का काम रुका हुआ है। ठेकेदार के नहीं लौटने पर कंसारा समाज की ओर से मामले में रिपोर्ट दी गई है। अब पुलिस सिरोही के ठेकेदार की तलाश में जुट गई है। मामला बांसवाड़ा के केातवाली थाने का है।
दरअसल, कंसारवाड़ा मोहल्ले में महाकाली मंदिर जीर्णोद्धार के लिए समाज की ओर से पिंडवाड़ा सिरोही की अर्बुदा कंस्ट्रक्शन के साथ 71 लाख रुपए का एग्रीमेंट हुआ था। समाज के अध्यक्ष प्रवीण कंसारा ने बताया कि फर्म की ओर से दिनेश कुमार परमार और उसके भाई जगदीश परमार ने एग्रीमेंट के तहत दो साल में मंदिर निर्माण पूरा करने को कहा था। सात अप्रैल 2019 तक ठेकेदारों ने मंदिर के नाम पर करीब 25 लाख रुपए लिए और काम अधूरा छोड़ दिया। नोटिस देने और दबाव बनाने के बाद अप्रैल 2019 में दोनों भाई बांसवाड़ा आए और अधूरे काम को लेकर गलती स्वीकार की। इसके बाद उन्होंने नया करार किया। इसके बाद उन्होंने करीब 6 महीने में काम खत्म करने का भरोसा दिलाया। जोधपुर से सामान मंगाने के लिए उन्होंने करीब 26 लाख रुपए और लिए। इसके बाद कोविड का बहाना बनाकर दो साल तक काम को फिर टालते रहे। समाज का आरोप है कि ठेकेदार अब तक करीब 54 लाख रुपए ले चुका है।
ऊपर से सीना जोरी
समाज अध्यक्ष प्रवीण कंसारा ने कहा कि दूसरी बार धोखा मिलने पर समाजजनों ने ठेकेदार पर कार्रवाई करने की बात कही तो उसने धमकी देने की कोशिश की। कहा कि पुलिस में उसकी बहुत पहचान है। समाजजनों ने बताया कि ठेकेदारों की धौंस सुनने के बाद उन्होंने थाने में रिपोर्ट कराई है।
धोखाधड़ी का मामला
शहर कोतवाल रतन सिंह चौहान ने बताया कि मंदिर निर्माण में ठेकेदार की ओर से धोखाधड़ी का मामला आया है। ठेकेदार को बुलाया है। दिए समय पर ठेकदार के नहीं आने पर कार्रवाई की जाएगी। अभी ये जांच सूरजपोल चौकी प्रभारी कल्याणसिंह को दी गई है।
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