आनंद सागर वन क्षेत्र से जुड़े शहर के समीप बारी सियातलाई के जंगल में टेरेटरी को लेकर पैंथर्स के बीच आपसी भिड़ंत में 8 माह की मादा शावक ने दम तोड़ दिया। वनविभाग की टीम को मादा शावक करीब 12 घंटे बाद मृत मिली। इससे पहले समीपवर्ती कुछ आवारा कुत्तों ने भी पैंथर को नोंचा। मौके पर मृत शावक को घसीटने के निशान भी मिले हैं।
मामले में वनविभाग बांसवाड़ा के रैंजर कपिल चौधरी ने बताया कि स्थानीय लोगों से रात के समय पैंथर्स के बीच लंबी लड़ाई चलने के भी संकेत मिले हैं। पैंथर्स की लगातार गुर्राने की आवाज से कयास लगाए जा रहे हैं कि दूसरी टेरेटरी से कोई नर पैंथर यहां आया होगा। मेटिंग के लास्ट सीजन के बीच उसने मादा पैंथर के साथ जुड़ने की कोशिश की होगी। तभी मादा शावक को साथ देखकर उसने हमला कर दिया होगा। ऐसा इसलिए कि पैंथर के भीतर शावकों के बड़े नहीं होने तक मादा शावक मेटिंग नहीं करती है। ऐसे में नर पैंथर ने बाधा बन रही मादा शावक को मार दिया हो।
पोस्टमार्टम कर किया अंतिम संस्कार
मादा शावक का शव जंगल के संकरे रास्ते में क्षत-विक्षत मिला। स्थानीय व्यक्ति मोहन पुत्र रावजी की सूचना विभाग ने शव को कब्जे में लिया। मौके की छानबीन भी की। बाद में पशु चिकित्सालय लाकर शव का पोस्टमार्टम कराया। वहीं वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की पालना में नर्सरी परिसर में शव को जलाया।
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