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(विजयपाल डूड)
राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने के दौरान गड़बड़ियों के साथ रोचक खुलास हो रहे है। कुछ परिवारों ने राशन कार्डों में अपने कुत्तों, मवेशियों के नाम लिखा रखे हैं। घर में शादी होने पर राशनकार्ड में पहले से ही बेटा-बेटी का नाम लिखवा दिया गया। गांवों मे सर्वे के दौरान जब राशनकार्ड में दर्ज नाम वकील और नारायण का आधार कार्ड मांगा तो जवाब मिला कि ये तो हमारे कुत्तों के नाम है।
ये परिवार लंबे समय से कुत्तों और बिना जन्मे बच्चों के नाम से खाद्य सुरक्षा याेजना में गेहूं उठा रहे थे। वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत राशन कार्ड को आधार नंबर से सीडिंग करवाने के दौरान ये गड़बड़ियां पकड़ में आई है। बरसों पहले मर चुके लोगों के नाम भी अब तक राशन कार्ड में चढ़े हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि गड़बड़ियां पकड़ में आने पर ऐसे नाम हटवाए जा रहे हैं। राशन कार्ड को आधार से लिंक करवाने के काम पर राशन डीलर, प्रवर्तक निरीक्षकों को सर्वे में लगा रखा है।
केस 1 आनंदपुरी पंचायत समिति के भलेर चमना निवासी दला का बीपीएल राशन कार्ड 009935200177 संख्या है। परिवार में कुल 6 सदस्य जुड़े हुए थे। साथ ही इसमें दला ने बेटा वकील का नाम भी लिखवा रखा था। जब कर्मचारी ने वकील का आधार कार्ड मांग तो पहले मना किया, बाद में बताया की वकील का आधार कार्ड नहीं है क्योंकि वकील हमारे कुत्ते का नाम हैं। जिसके बाद ई-मित्र से इस नाम को हटाया गया।
केस 2 घाटोल पंचायत समिति के भगोरा का खेड़ा गांव में एक उपभोक्ता ने अपने राशन कार्ड में नारायण का नाम लिखवा रखा था, जब उपभोक्ता से सीडिंग के लिए आधार कार्ड मांगा तो कहा की नारायण उसका पुत्र नहीं है, गलती से लिख दिया गया है। नारायण उसके घर में कुत्ता है जिसका नाम लिख रखा है।
केस 3 बांसवाड़ा पंचायत समिति के रहने वाले हुरतेंग का राशन कार्ड 9909900152 है। उसने अपने पुत्र विश्राम की शादी करते ही राशन कार्ड में विश्राम की पत्नी के साथ ही बच्चे का नाम भी रणजीत दर्ज करवाया दिया। रणजीत का आधार कार्ड मांगा तो परिवार के सदस्यों ने बताया की विश्राम के बेटा नहीं बल्कि बेटी पायल है। अब दुबारा से पायल का आधार बनाया जाएगा। जिसके बाद कर्मचारियों ने रणजीत का नाम राशन कार्ड से हटाया।
आधार सीडिंग से फर्जी नाम हटाने में मिल रही मदद
ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार की तरफ से दिए जाने वाले फायदे आपको बिना किसी परेशानी के मिल सके। इसी कड़ी में सरकार राशन कार्ड को आधार से लिंक यानी आधार सीडिंग के लिए कह रही है। सरकार का मानना है कि इसके जरिए व्यक्ति को मिलने वाले फायदों को मैनेज किया जा सकताा है और धोखाधड़ी के मामलों को रोका जा सका सकता है। अक्सर देखा गया है कि सरकार जो फायदा राशनकार्डधारक तक पहुंचाती है वह असल लाभार्थी को मिलता ही नहीं। ऐसे में आधार सीडिंग इनपर रोक लगाती है।इसके अलावा सरकार को भी फायदा होगा क्योंकि जो उपभोक्ता है उसी को मिलेगा, नहीं तो फिर फर्जी नाम लिखवाकर भी लोग गलत फायदा उठाते हैं जिससे सरकार को भी नुकसान हो रहा था। वहीं वन नेशन, वन कार्ड से व्यक्ति कही भी राशन ले सकेगा।
गलत नाम हटाए जा रहे हैं : निरीक्षक
विभाग के आदेशानुसार लगातार ई-मित्र के माध्यम से राशन कार्ड की सीडिंग करवाई जा रही है। काम जल्द करने के लिए राशन डीलरों को निर्देश दिए हैं। साथ ही जो गलत नाम चल रहे हैं, उन्हें राशन कार्ड से हटाया जा रहा है।
-सोहन सिंह चौहान, प्रवर्तन निरीक्षक
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