घर से स्कूल के लिए निकले बच्चे सीधे नई दिल्ली पहुंच गए। शाम तक भी घर बच्चे घर नहीं लौटे तो परिवार को चिंता हुई। परिजनों ने तलाश की तो पता चला कि बच्चे स्कूल गए ही नहीं। तभी गायब हुए तीनों बच्चों के पिताओं ने पुलिस से संपर्क साधा। पुलिस को बच्चों की मोबाइल लोकेशन दिल्ली मिली। समझदारी दिखाते हुए पुलिस ने अनजान नंबर से संपर्क साधा। बच्चों ने बताया कि वह घूमने-फिरने के लिए दिल्ली आएं हैं। यहीं से लोकेशन ट्रेस कर पुलिस ने उन्हें पकड़ा।
मामला आनंदपुरी थानान्तर्गत शेरगढ़ पुलिस चौकी के फलवा इलाके का है। शनिवार को फलवा सीनियर स्कूल में पढ़ने वाले गांगड़ तलाई निवासी शांतनु कुमार, फलवा निवासी विश्वास तथा जयसिंह सुबह के समय हमेशा की तरह घर से स्कूल के लिए निकले, लेकिन उनकी प्लानिंग पहले से ही कुछ और थी। वे स्कूल नहीं पहुंचे। संतरामपुर (गुजरात) जाने की प्लानिंग की थी। बस पकड़कर दाहोद (गुजरात) रेलवे स्टेशन पहुंच गए। प्लान बदला और ट्रेन पकड़कर दिल्ली के लिए निकल गए।
घर में चिंता होगी, इसकी भी फिक्र नहीं की
पुलिस का कहना है कि दिल्ली के लिए रवाना होते समय बच्चों को इस बात की भी चिंता नहीं हुई कि जब से स्कूल की छुट्टी के समय घर नहीं पहुंचेंगे तो घर वालों काे कितनी चिंता होगी। ऐसा ही हुआ, जब वे घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने स्कूल से पता किया। वे स्कूल पहुंचे ही नहीं थे तो परिवार को चिंता हो गई। इसके बाद पुलिस से संपर्क किया गया। इससे पहले वे बच्चों के मोबाइल पर फोन करते रहे, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
मोबाइल ट्रेस करती रही पुलिस
शेरगढ़ चौकी प्रभारी लालसिंह चौहान ने बच्चों के मोबाइल सर्वलांस पर डलवा दिए। लगातार उन्हें ट्रेस किया गया। अपने नंबर से फोन किया तो अननोन नंबर को उन्होंने उठा लिया। यहीं से पुलिस को उनकी लोकेशन पकड़ में आ गई। पुलिस ने परिवार को उनके फोन से बात नहीं करने की हिदायत दी। बातचीत कर पुलिस ने उन्हें विश्वास में लिया। आश्वस्त किया कि उनके घर लौटने पर परिवार कुछ नहीं कहेगा। बच्चे नहीं मानें तो तीनों को उनके पिता से बात कराई। पिता ने भी घर लौटने पर डांटने-फटकारने से इनकार किया। बच्चों को प्यार से वापस घर लौटने को कहा। तब कहीं जाकर बच्चों ने दिल्ली से अहमदाबाद के लिए ट्रेन पकड़ी। खुद लौट आए।
कस्टडी में लिया, फिर सुपुर्द किया
बच्चे जैसे ही अहमदाबाद के कालूपुर रेलवे स्टेशन पर उतरे तो पुलिस ने उन्हें कस्टडी में लिया। बाद में बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। वहां से मिले आदेश के बाद पुलिस ने बच्चों को उनके परिवार को सुपुर्द किया।
कंटेंट : रवींद्र कलाल (गांगड़ तलाई)
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