जिले में 2 साल बाद सोमवार से वन्यजीव गणना शुरू की जाएगी। इसके लिए वन-विभाग की ओर से तैयारियां पूरी कर ली हैं। विभाग की ओर से आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को वन्यजीवों की गणना करवाई जाएगी। जिले में इस बार वन्यजीव गणना के लिए सबसे ज्यादा 17 प्वाइंट शाहाबाद में बनाए हैं। इसके साथ ही अंता में 12, बारां में 8, किशनगंज में 10, छबड़ा में 10, अटरू में 6, केलवाड़ा में 10, नाहरगढ़ में 8, छीपाबड़ौद में 9 प्वाइंट बनाए हैं। साथ ही बारां वन-विभाग की ओर से शेरगढ़ में धूलेन नाका में वन्यजीव गणना के लिए केवल 2 प्वाइंट बनाए है। विभाग की ओर से वॉटर हॉल या विभाग की ओर से वन्य जीवों को पेयजल मुहैया करवाने के लिए तैयार किए गए कृत्रिम व प्राकृतिक पेयजल स्रोत है। जहां पर वन्य जीव नियमित या यदाकदा पानी पीने पहुंचते हैं। साल 2021 में जंगली क्षेत्र में बरसात का पानी जमा होने के कारण वन्यजीव वाटर हॉल पर नहीं पहुंचे थे। इस कारण वन्यजीवों को सटीक आंकड़ा नहीं मिल पाया था।अब 2 साल बाद उच्चस्तर से आदेश मिलने के बाद वन्यजीव गणना का आयोजन करवाया जा रहा है। इस बार की वन्यजीव गणना में विभाग की ओर से कई बदलाव किए गए है। इस बार वाटर प्वाइंट पर सीधी गणना के साथ ही ट्रैप कैमरा और आमजन की ओर से देखे गए वन्यजीवों का भी आंकड़ा नोट किया जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से जिलेभर के कई वाटर प्वाइंट व अन्य जगहों पर ट्रेप कैमरे लगाए जा रहे है।
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