सीमा सुरक्षा बल (BSF) बुधवार को 57 साल का हो गया। BSF में जोश और जुनून भरपूर है। 1 दिसंबर को अपना 57वां स्थापना दिवस BSF मना रही है। जैसलमेर से लगती राजस्थान फ्रंटियर की 471 किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान सीमा पर BSF देश की सीमा पर 122 चौकियों की निगरानी करती है। रात और दिन भारत की सीमा को दुश्मनों की निगाहों से महफूज रखती है। जैसलमेर के रेतीले धोरों पर गर्मियों में तापमान 50 डिग्री से पार और सर्दियों में जीरो डिग्री से नीचे चला आता है। बावजूद इसके सीमा पर जवान मुस्तैदी से डटे रहते हैं।
पाकिस्तान की सीमा पर 122 बॉर्डर पोस्ट
भारत-पाकिस्तान की सबसे लंबी इंटरनेशनल बॉर्डर जैसलमेर से लगता है। इस बॉर्डर की लंबाई 471 किलोमीटर के करीब है। पहली बॉर्डर पोस्ट फतूवाला और आखिरी बॉर्डर पोस्ट रायथनवाला है। 1965 में स्थापना के बाद 1971 में युद्ध के समय सेना के साथ BSF के जवानों ने भी कंधे से कंधा मिलाते हुए दुश्मनों के दांत खट्टे किए। दुश्मन के मंसूबे पर पानी फेर दिया। इसके बाद पाकिस्तान इस तरफ से कभी भी हमले की हिमाकत नहीं कर पाया।
असहनीय लू के थपेड़े
जैसलमेर की रेतीली धरती पर BSF भीषण गर्मी में लू के थपेड़ों को भी झेलती है। सरहद पर गर्मियों में तापमान जब 50 डिग्री से भी ऊपर चला जाता है, उस दौरान भी ये जवान तेज अंधड़ में भी मजबूती के साथ सरहद पर नजर आते हैं। सर्दियों में जब इस रेत पर शीतलहर चलती है, तब तापमान जीरो डिग्री से भी नीचे चला जाता है। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में भी BSF का जवान सरहद की सुरक्षा में कोई चूक नहीं करता है।
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